मनभावन हो देहरी तब
लीपा हो आंगन जब
चंचल चरण उनके
जाने ठहर जायें कब ।
मां लक्ष्मी के
आने की बेला पर
सजाना रंगोली द्वार पर
आई हैं वे तुम्हारे ही मनुहार पर ।
करना स्वागत उनका
संग परिवार के
तज के मन के
सारे अहंकार को ।
एक दिये को
दूजे दिये से
रौशन करना
चारों ओर
अंधकार का नाश हो
हर ओर प्रकाश ही प्रकाश हो ।
!! दीपावली की शुभकामनायें !!
बढ़ा दो अपनी लौ
जवाब देंहटाएंकि पकड़ लूँ उसे मैं अपनी लौ से,
इससे पहले कि फकफका कर
बुझ जाए ये रिश्ता
आओ मिल के फ़िर से मना लें दिवाली !
दीपावली की शुभकामना के साथ
ओम आर्य
सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंदीप पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ
मनभावन हो देहरी तब
जवाब देंहटाएंलीपा हो आंगन जब
चंचल चरण उनके
जाने ठहर जायें कब ।
मां लक्ष्मी के
सुन्दर अभिव्यक्ति
दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ
बढ़िया रचना..दीवाली मंगलमय हो!!!
जवाब देंहटाएंआपको भी दीपावली की ढेरो शुभकामनाये !
जवाब देंहटाएंबढिया रचना है।बधाई।
जवाब देंहटाएंदीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ
सुन्दर समसामयिक रचना आपको दीपावली की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंसुन्दर पंक्तियाँ:
जवाब देंहटाएंसुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल ’समीर’
यह दिया है ज्ञान का, जलता रहेगा।
जवाब देंहटाएंयुग सदा विज्ञान का, चलता रहेगा।।
रोशनी से इस धरा को जगमगाएँ!
दीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ!!
संग परिवार के
जवाब देंहटाएंतज के मन के
सारे अहंकार को ।
एक दिये को
दूजे दिये से
रौशन करना
चारों ओर
अंधकार का नाश हो
हर ओर प्रकाश ही प्रकाश हो ।
सद्भावना से ओत प्रोत सुंदर रचना .....!!
आपको दीपावली की शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंहिन्दीकुंज
बहुत खूब, सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंबधाई.
दीपावली और भाई-दूज पर आपको हमारी अनंत हार्दिक शुभकामनाएं
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
बढिया रचना है।बधाई।
जवाब देंहटाएंnice poem
जवाब देंहटाएंek aaacha prahas
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