मंगलवार, 31 मार्च 2009

तकदीर कैद नही है . . . . .

ख्वाहिशे दर किनार कर दो सारी,
ज़ो खुशियो की जन्नत चाहते हो !

बंदिशे हटा दो जमाने की सारी ख़ुद से,
पल दो पल जो खुल के हंसना चाहते हो !

तकदीर कैद नही है हांथ की लकीरो मे,
कुछ कर के गर तुम दिखाना चाहते हो !

रूसवाइयों को दूर कर दो तहे दिल से,
मुस्कराहटे किसी की जो देखना चाहते हो !

विश्वास की पूँजी "सदा" अपने पास रख्नना,
सफलता जो अपने नाम करना चाहते हो !

ना तोड़ना दिल किसी का ये नादान होता है,
हर दुआ का हो असर गर ऐसा चाहते हो !

2 टिप्‍पणियां:

  1. विश्वास की पूँजी "सदा" अपने पास रख्नना,
    सफलता जो अपने नाम करना चाहते हो !

    ना तोड़ना दिल किसी का ये नादान होता है,
    हर दुआ का हो असर गर ऐसा चाहते हो !

    bhut sunder pankitya
    acchi kavita


    gargi
    abhivyakti.tk

    जवाब देंहटाएं
  2. कल 14/09/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं

ब्लॉग आर्काइव

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
मन को छू लें वो शब्‍द अच्‍छे लगते हैं, उन शब्‍दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....