
शीतल, धवल, ये निश्छल मन, करने चले नमन,
लहराने तिरंगा ले के ख्वाहिश सब ओर हो अमन ।
चाहत और वफादारी का पैगाम, देता सरहद पे,
बैठा सिपाही निभाने को वादा, देश में हो अमन ।
न ये तेरा है न मेरा है भारत हर हिन्दुस्तानी का,
रंग-रंग के खिलते फूल जहां ये है वो चमन ।
जीत के संग सम्मान दिलाये कहलाये ये मेरा वतन ।