सोमवार, 22 अगस्त 2016

बेटियां होती ...

बेटियां होती
दोनों कुल का मान
स्वीकारो ये !
....
बिन बेटी के
ना भाग्य संवरता
जाना ना भूल !
....
बेटी होती है
प्लस का एक चिन्ह
जो जोड़े सदा !
....
बेटी नहीं है
जिन्हें तरसते वो
कन्यादान को !
....
बेटियां होती
बिंदी रोली कुंकुम
पूजा की पात्र !
....
बेटी सावन
चूड़ी मेहँदी झूले
मिल के कहें !

....बेटी सावन
चूड़ी मेहँदी झूले
मिल के कहें !

9 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर .... बेटियों से आँगन की रौनक है

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  2. बहुत ही खूबसूरत..हृदय छू लेती कविता।



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  3. बहुत सुन्दर और सारगर्भित हाइकु...

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  4. सच ...बेटियां ही घर की रौनक होती हैं ...सुन्दर हाइकू

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मन को छू लें वो शब्‍द अच्‍छे लगते हैं, उन शब्‍दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....