शब्दों की चुभन से
कई बार मन
बस हैरान रह जाता है
ताकते हुये शून्य में सोचता है
कैसे इतने पैने हो गये हैं ये
आक्रामक हो जाना
इनका यूँ अचानक से
भाता नहीं
शब्दों का तीखापन
जिंदगी के स्वाद को
बेमज़ा सा कर जाता
एक आह निकलती
तो कभी सिसकी !
...
एक चुटकी मिठास की
जबान पे इनकी
रख देता गर कोई
तो क्या बिगड़ जाता
वक़्त का मिज़ाज सिखाता रहा
जीने का सलीका
तो कभी बचाता रहा
बदज़ुबानी से इन्हें
तो कभी ख़ामोश रहकर
इन्हें अनसुना भी किया है
जाने कितनी बार !
...
ठगना भी आता है
इन शब्दों को
और लुभाना भी
मोहित भी करते हैं
और चैन भी छीन लेते हैं
तुमसे वफ़ादारी की
कसमें भी खाते हैं
और सम्बंधों की
दुहाई भी देते हैं
बस इतना ही
ये अहसान करते हैं
कि निर्णय का अधिकार
सौंपना तुम्हें नहीं भूलते !!!
.......
अच्छी कविता
जवाब देंहटाएंbahut sundar kavita , waah sundar abhivyakti ki hai aapne bhavo ki .....
हटाएंप्रेम की राह पर चलते हुए शब्दों पर जिसकी पकड़ हो...वही यह कह सकता है...
जवाब देंहटाएंशब्दों का अपना कोई मजहब नहीं होता और ना ही अपनी कोई राह....वो तो बस बोलने वाले या लिखने वाले का मिजाज दर्शाता है.
जवाब देंहटाएंअनमोल रचना :)
पधारें Rohitas Ghorela: पासबां-ए-जिन्दगी: हिन्दी
शब्द जिससे संचालित है , वही दर्शाते हैं। निर्णय का अधिकार स्वयं अपना होता है मगर !
जवाब देंहटाएंविचारणीय !
शब्द तो रखते हैं
जवाब देंहटाएंकेवल अपने अर्थ
इन अर्थों को बदल देता है
कहने वाले का लहज़ा
काश कहने वाले की
जुबां पर हो मिठास
तो हर शब्द रहेगा ख़ास ।
भावपूर्ण और विचारणीय रचना ।
इन शब्दों को
जवाब देंहटाएंऔर लुभाना भी
मोहित भी करते हैं
और चैन भी छीन लेते हैं......bahut sundar
भावप्रवण रचना। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंक्या खूब पहचाना है शब्दों को ....बेहतरीन !!!
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएं"ये अहसान करते हैं
कि निर्णय का अधिकार
सौंपना तुम्हें नहीं भूलते "
बलिहारी इन शब्दों की...
बहुत सुंदर !!
आभार !
शब्दों की बाजीगरी को बड़ी कुशलता से व्याख्यायित किया है ! इनकी तो फितरत ही है छलना और हम जैसों को फितरत है छले जाना ! बहुत ही सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंइक लोहा पूजा में राखत, इक घर बधिक परौ।
जवाब देंहटाएंशब्द भी ऐसे ही हैं. यह तो हमारे ऊपर है कि इसे हम पूजा में उपयोग करते हैं या हत्या के प्रयोग में लाते हैं. आपने बहुत ही सम्वेदनशीलता से यह दिखाया है!
बहुत सुंदर , धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
wah bahut sundar
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ,
जवाब देंहटाएंशब्दों का अपना कोई स्वभाव नहीं, यह प्रयोग करने वाले पर निर्भर है कि वह उनका कैसे प्रयोग करता है..बहुत प्रभावी प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंइसमें इन शब्दों का तो कोई कसूर ही नहीं ...
जवाब देंहटाएंबेचारे ढल जाते हैं बोलने वाले के सांचे में ...
शब्दों का संसार जितना लुभावना है उतना ही ठेस भी पहुंचाता है ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति ...बधाई
बेहद सुन्दर लिखा है आपने
जवाब देंहटाएंशब्दों की चुभन से
जवाब देंहटाएंकई बार मन
बस हैरान रह जाता है
ताकते हुये शून्य में सोचता है
कैसे इतने पैने हो गये हैं ये----- शब्द ही जीवन की दिशा और दशा को तय करते हैं
बहुत सुंदर और भावपूर्ण रचना ---
सादर ----
बहुत खूब
जवाब देंहटाएं