कुछ रिश्ते
सच्चे होते हैं इतने कि
झूठ और
फ़रेब
खुद छलनी
हो जाते हैं
इनके
क़रीब आकर !
....
कुछ रिश्ते
होते हैं नदी से
बहते
जाने में ही
सुकू़न
पाते हैं
कहाँ
पथरीले रास्ते हैं
कहाँ
समतल
उन्हें
फ़र्क नहीं पड़ता !!
...
कुछ रिश्ते
जब नदी
हो जाते हैं
तो
अपनापन
समेट के ह्रदय में
निर्मलता का गुण
अपना लेते हैं जैसे माँ
या गंगा मइया !!!!
Bahut sundar
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना , धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
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कुछ रिश्ते
जवाब देंहटाएंहोते हैं नदी से
बहते जाने में ही
सुकू़न पाते हैं
कहाँ पथरीले रास्ते हैं
कहाँ समतल
उन्हें फ़र्क नहीं पड़ता !!................ब्हुत सुन्दर !!
bahut badhiya .....shayad maa hi
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति , आप की ये रचना चर्चामंच के लिए चुनी गई है , सोमवार दिनांक - 25 . 8 . 2014 को आपकी रचना का लिंक चर्चामंच पर होगा , कृपया पधारें धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंआभार आपका ....
जवाब देंहटाएंआप भी तो नदी सी ही है...,प्यारी कविता....
जवाब देंहटाएंमाँ सा कोई रिश्ता नही …बहुत सुन्दर रचना …।
जवाब देंहटाएंयही रिश्ते रिश्ते होते हैं
जवाब देंहटाएंइनके स्नेह में प्रवाह होता है
हर हाल में पावन
वाह .... सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते
जवाब देंहटाएंजब नदी हो जाते हैं
तो अपनापन
समेट के ह्रदय में
निर्मलता का गुण
अपना लेते हैं जैसे माँ
या गंगा मइया !!!! सुंदर प्रस्तुति। मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा।
कुछ रिश्ते
जवाब देंहटाएंजब नदी हो जाते हैं
तो अपनापन
समेट के ह्रदय में
निर्मलता का गुण
अपना लेते हैं जैसे माँ
या गंगा मइया !!!!
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंमैं
Happy Birth Day "Taaru "
बहुत सुंदर एवं भावपूर्ण.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (25-08-2014) को "हमारा वज़ीफ़ा... " { चर्चामंच - 1716 } पर भी होगी।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
जीवन होता है इन रिश्तों में !
जवाब देंहटाएंखुशनसीब होते हैं वे जो इन रिश्तों में बंधे होते हैं !
सुन्दर अभिव्यक्ति !
बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंवाह !!
जवाब देंहटाएंwaah bahut khoob
जवाब देंहटाएंरिश्तों का सुंदर चित्रण
जवाब देंहटाएंबहुत ही खुबसूरत चित्रण किया है रिश्तों का हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंसुंदरतम भाव लिये रचना.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर और कोमल भावपूर्ण रचना..
जवाब देंहटाएंवाह ...बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंसच्चे रिश्तों को परिभाषित करती पाकीज़ा नज़्में!!
जवाब देंहटाएंकुछ रिश्ते
जवाब देंहटाएंजब नदी हो जाते हैं
तो अपनापन
समेट के ह्रदय में
निर्मलता का गुण
अपना लेते हैं जैसे माँ
या गंगा मइया !!!!
बहुत सुंदर
बहुत सुन्दर ...
जवाब देंहटाएंकहा सदा जी आप ने हर रिश्ते की अपनी मर्यादा है..
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर ।
जवाब देंहटाएंतो अपनापन
जवाब देंहटाएंसमेट के ह्रदय में
निर्मलता का गुण
अपना लेते हैं जैसे माँ
या गंगा मइया !!!!
...बहुत सुंदर कविता।
बहुत ख़ूब
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंरिश्तों की गहराई को बारीकी से उकेरा है इन पंक्तियों में ... लाजवाब ...
जवाब देंहटाएंrishto ki bahut sunderta se kism bta di aapne....sunder rishto ki rachna
जवाब देंहटाएंविश्वास ही तो आधार है इन सच्चे और सरल रिश्तों का।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना ।