बुधवार, 13 अगस्त 2014

एक अवसर आपके लिए ......

पुरस्‍कार की गरिमा देखनी हो तो पाने वाले की आँखों में देखो, जो आँखों की चमक बयाँ करती है दिल की धड़कनें उछल-उछल कर इस खुशी को अपनों से साझा करने के लिए उत्‍साहित होती हैं ... लेकिन आप पुरस्‍कृत तभी हो सकते हैं जब आप अपनी रचनाओं को इस मंच तक भेजने का एक प्रयास करेंगे, कई बार आप ऐसा कुछ चाहते हैं परन्‍तु अवसर नहीं मिलता, अवसर मिलता है तो तारीख निकल चुकी होती है... लेकिन इस बार ना तारीख निकली है ना अवसर आपके हाथों से फिसला है .... जी हाँ मैं जिक्र कर रही हूँ सरस्विता पुरस्‍कार का वरिष्‍ठ कवयित्री सरस्‍वती प्रसाद की साहित्यिक स्‍मृति में उनकी पुत्री श्रीमती रश्मि प्रभा के सौजन्‍य से ‘’हिन्‍द युग्‍म स‍रस्विता सम्‍मान’’ की शुरूआत कर रहा है और यह शुभारम्‍भ् उनकी पहली पुण्‍यतिथि 19 सितम्‍बर 2014 से उनके साहित्यिक संग्रह के साथ आयोजित होगा।

प्रत्‍येक विधा से चयनित रचनाकारों को सरस्विता पुरस्‍कार, एक प्रमाणपत्र एवं एक थी तरू पुस्‍तक दी जाएगी, साथ ही तीनों विजेता को 2500/- की राशि दी जाएगी।
19 सितम्‍बर, 2014 को दिल्‍ली के मयूर विहार में यह कार्यक्रम आयोजित होना है.... शेष जानकारी आप संलग्‍न चित्र से प्राप्‍त कर सकते हैं .... आप अपनी रचनाएँ शीघ्र भेजें ....इस मेल आईडी पर saraswita2808@gmail.com  रचनाएँ पीडीएफ फाइल में भेजें, समय कम हैं ... इस बार अत: देर न करें .... तो 15 अगस्‍त के पहले ..... झंडा ऊँचा रहे हमारा, विजयी विश्‍व तिरंगा प्‍यारा .... कहते हुये लहरा दे अपने नाम का झंडा :)

14 टिप्‍पणियां:

  1. एक रचना मैं भी भेज दी हूँ ..... अम्मा को श्रद्धा सुमन के रूप में ....

    जवाब देंहटाएं
  2. हमने भी भेज दी हैं.....माँ के लिए !!
    सस्नेह
    अनु

    जवाब देंहटाएं
  3. मैंने भी पहुंचा दी है..शुक्रिया इस जानकारी के लिये।।।

    जवाब देंहटाएं
  4. सभी प्रतियोगियों को शुभ कामनायें स्वतंत्रता दिव स की भी।

    जवाब देंहटाएं

ब्लॉग आर्काइव

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
मन को छू लें वो शब्‍द अच्‍छे लगते हैं, उन शब्‍दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....