शोर में दबा सन्नाटा
कसमसा कर बोला
अपनी मैं पर जब आऊँगा
तुम सब होगे मेरी प़नाह में
बोलती सबकी बंद होगी
तब मैं और सिर्फ मेरी ख़ामोशी बोलेगी !
...
खामोशी के साये में
मन ने जाने कितने सबक लिए
कितने संकल्पों की सीढि़याँ चढ़ी
कितनी उम्मीदों के
टूटने का रंज मनाया
बिखरती जिंदगी को
संघर्ष के रास्तों का आईना दिखाया !!
...
सवालों के कटघरे में
जिंदगी ने जब भी पक्षपात किया
खून के रिश्तों की दुहाई दी
घुटन में भी लबों पे
सजाई मुस्कराहट
वो सोचती
मैं विचलित क्यूँ हूँ
होती हुई हर बात निश्चित है
मेरा भविष्य
मेरी हथेली की लक़ीरों में क़ैद है
मेरे मस्तक पर पहले से ही
विधाता ने लिख दिया था लेख
फिर भी मैं भ्रमज़ाल में फंसकर
अपने-पराये के चक्रव्यूह में
बढ़ाये जा रही हूँ क़दम
ये सोच के बच के निकल जाऊँगी
पर कहाँ संभव था !!!
....
जीवन को पाकर
मौत के तिलिस्सम से बच पाना
किसी भी रास्ते से चलो
एक न एक दिन वो तुम्हें
वहाँ पहुँचा ही देगा
जीवन का सबसे बड़ा सत्य मृत्यु
अपनी चौखट पर ले आता है
एक दिन सबको चाहते न चाहते हुए
तब होता है सन्नाटा
जहाँ खामोशी बात करती है
जिंदगी सिर्फ विलाप करती है !!!!
वाह ....जीवन की जद्दोज़हद का सटीक रेखांकन ....
जवाब देंहटाएंwah ! bandh diya apne kavita kay madhyam say mujhe.......padhti hi reh gayi....bahut khubsoorti say zindagi ki mushkilon ko bayan kiya hai apne
जवाब देंहटाएंजीवन की यथार्थ का बोध कराती सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंसन्नाटा..
जवाब देंहटाएंखामोशी...
क्या लिखूँ
नहीं है शब्द मेरे पास
सब चुक गए...
या फिर...
नहीं मिल रहे
सादर
खामोशी के मायने जुदा-जुदा। .
जवाब देंहटाएंसार्थक शब्दों का मेल
सही कहा है आपने, जीवन का सबसे बड़ा सच है मृत्यु .... सचमुच बड़ा शोर है इन खामोशियों में … लाज़वाब रचना
जवाब देंहटाएंकभी कभी सन्नाटा भी कितना सुकून मय हो सकता है..
जवाब देंहटाएंपर कहा सम्भव था !!!!..............खामोशियाँ भी बोलती है
जवाब देंहटाएंbahut hi sunder abhivyakti...
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंमौन भी बोलता है.
जवाब देंहटाएंजब बोलता है--सत्य ही नजर आता है.
भावपूर्ण रचना
सार्थक प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंजीवन को पाकर
जवाब देंहटाएंमौत के तिलिस्सम से बच पाना
किसी भी रास्ते से चलो
एक न एक दिन वो तुम्हें
वहाँ पहुँचा ही देगा--------
मृत्यु एक शाश्वत सच है पर जीवन को विषम
परिस्थितियों में भी जीना पड़ता है
जीवन और मृत्यु की सार्थक पड़ताल करती
अद्भुत रचना ----
सादर ---
जीवन को पाकर
जवाब देंहटाएंमौत के तिलिस्सम से बच पाना
किसी भी रास्ते से चलो
एक न एक दिन वो तुम्हें
वहाँ पहुँचा ही देगा
जीवन का सबसे बड़ा सत्य मृत्यु
अपनी चौखट पर ले आता है
एक दिन सबको चाहते न चाहते हुए
तब होता है सन्नाटा
जहाँ खामोशी बात करती है
जिंदगी सिर्फ विलाप करती है !!!!
गहरे अर्थों को अभिव्यक्त करती सुंदर रचना।।।
गहन भाव लिए सुंदर रचना...
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव और अर्थ लिए अप्रतिम अभिव्यक्ति संवेदनाओं का स्पर्श करती हुई।
जवाब देंहटाएंजीवन का सबसे बड़ा सत्य मृत्यु
जवाब देंहटाएंअपनी चौखट पर ले आता है
एक दिन सबको चाहते न चाहते हुए
तब होता है सन्नाटा
जहाँ खामोशी बात करती है
जिंदगी सिर्फ विलाप करती है !!!!.
...गहन भावों की उत्कृष्ट अभिव्यक्ति...दिल को छूते अहसास...लाज़वाब ..
बहुत सुंदर रचना ।
जवाब देंहटाएंज़िंदगी पर गहन सोच... बहुत उम्दा रचनाएँ, बधाई.
जवाब देंहटाएं