तेरा होना मुहब्बत है
तुम दूर हो
या मेरे नज़दीक
ये बात
कोई मायने नहीं रखती
मेरे लिए
तुम्हारी हंसी
सबसे बड़ी नेमत है
तुम्हें हंसाना वाला कौन है
ये बात
कोई मायने नहीं रखती
मेरे लिए
तुम्हारी खुशियों का
सौदा किया था
मैने रब से
दोनो हाथ उठाकर
मांगी थी दुआएं
कहीं भी कोई दुख हो
तुम्हारे हिस्से का
हंसकर मुझे कुबूल होगा
ये सब तुमसे
कहकर मुझे तुम्हारी नजरों में
ऊंचा नहीं उठना
एक कांटा था
जिसपर तुम्हारे कदम पड़ते
तो चुभन होती तुम्हें
उसपर मैने अपना
पांव रख दिया था हंसते-हंसते .....!
ये सब था बस
उसके लिए!!!
हार कर भी तुम्हारी जीत में मेरी खुशी
बेहिसाब हो जाती थी
मेरे हारने का सबब
क्या है ? कौन है ?
ये बात मेरे लिए
कोई मायने नहीं रखती !!!
इसे ही होना कहते हैं ...
जवाब देंहटाएंतेरा होना मुहब्बत है
जवाब देंहटाएंतुम दूर हो
या मेरे नज़दीक
ये बात
कोई मायने नहीं रखती
मेरे लिए
तुम्हारी हंसी
सबसे बड़ी नेमत है
तुम्हें हंसाना वाला कौन है
ये बात
कोई मायने नहीं रखती
मेरे लिए
तुम्हारी खुशियों का
सौदा किया था
मैने रब से
दोनो हाथ उठाकर
मांगी थी दुआएं
कहीं भी कोई दुख हो
तुम्हारे हिस्से का
हंसकर मुझे कुबूल होगा
बेहतरीन प्रस्तुति है...
मोहब्ब्त की पराकाष्ठा है ये तो...
जवाब देंहटाएंएक कांटा था
जिसपर तुम्हारे कदम पड़ते
तो चुभन होती तुम्हें
उसपर मैने अपना
पांव रख दिया था हंसते-हंसते .....!
बहुत सुन्दर सदा जी..
सस्नेह.
बहुत ही मीठी और सच्ची बात कही है..कविता के जरिये
जवाब देंहटाएंहार कर भी तुम्हारी जीत में मेरी खुशी
हटाएंबेहिसाब हो जाती थी
मेरे हारने का सबब
क्या है ? कौन है ?
ये बात मेरे लिए
कोई मायने नहीं रखती !!!
Wah!
Comment yahan de rahee hun,kyonki comment box nahee khul raha!Kshma karen!
वल्लाह बहुत ही खुबसूरत है |
जवाब देंहटाएंकई पंक्तियों में दर्शन समेट दिया है जीवन का।
जवाब देंहटाएंवाह बहुत बढिया भाव
जवाब देंहटाएंbahut sundar...
जवाब देंहटाएंखूबसूरत पंक्तियों के साथ ही अर्थपूर्ण रचना ....
जवाब देंहटाएंहार कर भी तुम्हारी जीत में मेरी खुशी
जवाब देंहटाएंबेहिसाब हो जाती थी
मेरे हारने का सबब
क्या है ? कौन है ?
ये बात मेरे लिए
कोई मायने नहीं रखती !!!
....बहुत खूब! बहुत सुंदर अभिव्यक्ति...
हार कर भी तुम्हारी जीत में मेरी खुशी
जवाब देंहटाएंबेहिसाब हो जाती थी
मेरे हारने का सबब
क्या है ? कौन है ?
ये बात मेरे लिए
कोई मायने नहीं रखती !!
sundar bhav bhari rachna sada ji....
बस यही तो बिना शर्त मोहब्बत होती है।
जवाब देंहटाएंNice poem, bahut sundar sada ji
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर खुबसूरत रचना। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति है आपकी,सदाजी.
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण,दिल को छूती हुई.
प्रस्तुति के लिए आभार जी.
आपने कविता में सारी जिंदगी का सार समेट दिया है.
जवाब देंहटाएंबेहद खुब्सुर्स्त रचना.
सादर.
वाह बहुत ही सुंदर भाव संयोजन किया है सदा जी ...बहुत खूब!!!
जवाब देंहटाएंसदा जी,..आपकी रचना बहुत अच्छी लगी,लाजबाब सुंदर भाव की पंक्तियाँ,..
जवाब देंहटाएंMY NEW POST...मेरे छोटे से आँगन में...
जीवन के मर्म को समझती अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंजीत गये तो क्या कहना, हारे भी तो बाज़ी मात नहीं ...
जवाब देंहटाएंप्रेम हो तो कोई भी बात मायने नहीं रखती ... जीवन का अर्थ समेत दिया इस रचना में ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही खुबसूरत, सुंदर भाव की पंक्तियाँ, SEE MY NEW POST ASMITA.
जवाब देंहटाएंक्या है ? कौन है ?
जवाब देंहटाएंये बात मेरे लिए
कोई मायने नहीं रखती !!!
इसे कहते हैं...हार की जीत...
बहुत सुन्दर भाव ..प्रेम कि पराकाष्ठा कहती अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंमोहब्ब्त की पराकाष्ठा.
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर. मन भावन रचना।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद।
आनन्द विश्वास
इसी को कहते हैं त्याग और प्रेम की पराकाष्ठा ... बहुत सुन्दर रचना..
जवाब देंहटाएंबहुत ही खुबसूरत रचना..
जवाब देंहटाएंप्रेम की पराकाष्ठा को उजागर करती अच्छी रचना.
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई.
झुरते प्रेम की गुनगुनी कविता जो पनाह देती है और तलाश नहीं करती.
जवाब देंहटाएंसमर्पण की भावनाओं को मिले
जवाब देंहटाएंकुछ पाकीज़ा अलफ़ाज़ ..
उत्कृष्ट रचना .
"दानिश"