किसी सफ़े पे थी
खिलखिलाती याद उसकी
किसी सफ़े पे था
उसकी मुस्कराहटों का पहरा
इश्क़ की किताबों में
करवटें बदलती रूहों का जागना
उंगलियों के पोरों की छुँअन से
फिर कहना उनका हौले-हौले से
मुहब्बत के नर्म एहसासों का होता
पलकें कई बार
झपकना भूल ही जाती थीं
कई बार लगता
निकलकर इनमें से कुछ एहसासों ने
घेरा बना लिया है
मेरे इर्द-गिर्द औ’ कहा था
अपने हिस्से का सच तो
जाना था मैने उन्हें
कुछ यूँ भी ...
...
सच मुहब्बत कभी
मरकर भी मरती नहीं
दूर होकर भी बिछड़ती नहीं
दिलों से दिलों का ये रिश्ता
जिंदा रहता है
रूहें जो सफ़र में रहती हैं
ताउम्र अपनी !!!!!
___
आपके नज़्म ने खूबसूरत एहसास जगाये। इस पंक्ति में कुछ कमी नज़र आ रही है.. मुहब्बत के नर्म एहसासों का होता।
जवाब देंहटाएंये जिक़्र किताबों का जो है .....
हटाएंबेहद खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंखुबसूरत अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंरूहानी सी मुहब्बत . बहुत खूबसूरत नज़्म
जवाब देंहटाएंजाने कैसी कशिश है इस नज़्म में....शब्दों और भावों का बेजोड़ संगम
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंआपकी कविता हमेशा दो हिस्सों में हुआ करती है... पहला भाग जहाँ मन की बात कहता है, दूसरा भाग वहीं उस बात का मतलब समझाता है.. एहसासों को महसूस करना और उनको प्रकट करना दो अलग-अलग बातें हैं, लेकिन आपकी कविता में इन दोनों का शानदार फ्यूज़न दिखाई देता है!!
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना बुधवार 30 जुलाई 2014 को लिंक की जाएगी...............
जवाब देंहटाएंhttp://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
मुहब्बत की यही सच्चाई है
जवाब देंहटाएंसुन्दर अहसास लिए रचना !
खुबसूरत अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंअच्छे दिन आयेंगे !
सावन जगाये अगन !
बहुत खूबसूरत एहसास ...
जवाब देंहटाएंबहुत ताज़गी से भरे एहसास और उतनी ही खूबसूरत अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंपलकें कई बार
जवाब देंहटाएंझपकना भूल ही जाती थीं
कई बार लगता
निकलकर इनमें से कुछ एहसासों ने
घेरा बना लिया है
बहुत खूबसूरत
सच मुहब्बत कभी
जवाब देंहटाएंमरकर भी मरती नहीं
दूर होकर भी बिछड़ती नहीं
दिलों से दिलों का ये रिश्ता
जिंदा रहता है
रूहें जो सफ़र में रहती हैं
ताउम्र अपनी
बहुत खूब
बहुत सुंदर...दास्ताँ मुहब्बत की...
जवाब देंहटाएंरूहें जो सफ़र में रहती हैं ! अनवरत सफ़र में मुहब्बत भी चलती है साथ उसके!
जवाब देंहटाएंखूब !
उंगलियों के पोरों की छुँअन से
जवाब देंहटाएंफिर कहना उनका हौले-हौले से
मुहब्बत के नर्म एहसासों का होता
बहुत ही खुबसूरत अभिव्यक्ति
बहुत खूब .... मुहब्बत रहती है श्रृष्टि के रहने तक ...
जवाब देंहटाएंढूंढ लेती है मुहब्बत का घर हमेशा ...
सुंदर
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंWah bahut khubsoorat rachna...bar bar padhne jo jee chahta hai
जवाब देंहटाएंसच मुहब्बत कभी
जवाब देंहटाएंमरकर भी मरती नहीं
दूर होकर भी बिछड़ती नहीं
दिलों से दिलों का ये रिश्ता
जिंदा रहता है
रूहें जो सफ़र में रहती हैं
ताउम्र अपनी !!!!!
बेहद सकारात्मक सोच की झलक.........
sach kaha ki मुहब्बत कभी
जवाब देंहटाएंमरकर भी मरती नहीं
bahut sateek lekhni hai.
जवाब देंहटाएंमन को छूती अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंवाह !!! बहुत सुन्दर रचना ----
सादर ---
दिलों से दिलों का ये रिश्ता
जवाब देंहटाएंजिंदा रहता है
रूहें जो सफ़र में रहती हैं
ताउम्र अपनी !!!!!
...बिल्कुल सच...दिल को छूते अहसास...बहुत सुन्दर