जब भी मेरी उम्मीद
टूटकर मिलती तो बस
इतना ही कहती तुम जीने के लिये
किसी की उम्मीद बन जाना
कुछ मुश्किल तो होगा
पर तुम्हे जीना आ जाएगा !!!
....
सहानुभूति के शब्द
अक़्सर फ़रेब की स्लेट पर
लिखे जाते हैं
जहाँ सच बात को
बेर्इमानी के छींटे डालकर
मिटा दिया गया होता है
बड़ी ही सफ़ाई से !!!
.....
सच की ताकत
रूहों को पाक़ रखती है
तभी तो
जब भी ज़मीर जागता है
सच की प़नाह लेता है !!!
सहानुभूति के शब्द
जवाब देंहटाएंअक़्सर फ़रेब की स्लेट पर
लिखे जाते हैं
तभी कहते है न ...सहानुभूति जताने और साथ देने में अंतर होता है.... सुन्दर रचना
जीवन स्वयं ही जीना होता है ... सच कहा किसी को बैसाखी बनाने से टूटने का डर रहता है ...
जवाब देंहटाएंजहाँ सच बात को
जवाब देंहटाएंबेर्इमानी के छींटे डालकर
मिटा दिया गया होता है
बड़ी ही सफ़ाई से !!! .........बहुत ही सटीक और सार्थक पंक्तियाँ.बधाई सदाजी..
ज़िन्दगी बहुत निराश करती है कई बार... लेकिन ज़िन्दगी इतनी भी बदसूरत नहीं! आपकी कविता दिल को छूती है हमेशा की तरह!!
जवाब देंहटाएंजमीर जगता है तो सच की पनाह लेता है यही नहीं जमीर जगता ही तभी है जब सच की पनाह ली जाती है
जवाब देंहटाएंअर्थपूर्ण एवं भावपूर्ण रचनाएँ, बधाई.
जवाब देंहटाएंएक दम सही कहा....
जवाब देंहटाएंसहानुभूति के शब्द
अक़्सर फ़रेब की स्लेट पर
लिखे जाते हैं......................
सस्नेह
अनु
सुंदर अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंसच कहा सत्य की ताकत बहुत बड़ी है
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना के लिए बधाई
जब भी मेरी उम्मीद
जवाब देंहटाएंटूटकर मिलती तो बस
इतना ही कहती तुम जीने के लिये
किसी की उम्मीद बन जाना
कुछ मुश्किल तो होगा
पर तुम्हे जीना आ जाएगा !!!
...... just loved it :)
सच्चाई का आईना दिखती बहुत ही सुंदर सार्थक भावाभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंसहानुभूति के शब्द
जवाब देंहटाएंअक़्सर फ़रेब की स्लेट पर
लिखे जाते हैं
जहाँ सच बात को
बेर्इमानी के छींटे डालकर
मिटा दिया गया होता है
बड़ी ही सफ़ाई से !!!
.....
सदा जी गंभीर रचना लाजबाब पोस्ट आभार के साथ बधाई ।
वाह! कितना लुभावना झूठा सच .......
जवाब देंहटाएंसहानुभूति के शब्द
अक़्सर फ़रेब की स्लेट पर
लिखे जाते हैं.......और सब पढ़ कर खुश हो जाते हैं .....???
सच कहा आपने ॥ अक्षर्श
जवाब देंहटाएंबहुत ही सार्थक आलेख, सादर।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सारगर्भित रचना...
जवाब देंहटाएंसच की ताकत
जवाब देंहटाएंरूहों को पाक़ रखती है
तभी तो
जब भी ज़मीर जागता है
सच की प़नाह लेता है !!!
effective lines .
सहानुभूति के शब्द अक्सर फरेब की स्लेट पे ल्खे जाते हैं...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब....