टाँग दिया है
एक बार फिर से
हर एक दर्द को
ग़म के कील पर
और मुस्कान की
लीपा-पोती करके
भर दिया है
दीवार के हर एक छेद को
तो भी अब जाने क्यूँ
पहले जैसी रौनक नहीं है !!
...
पलस्तर उधड़ा-उधड़ा
गवाही दे जाता है
गौर से नज़र डालने पर
सीलन भी
चुगलखोरी से बाज़ नहीं आती
एक बड़े पोस्टर के नीचे से
झड़ती रेत को
बुहार के फेंक आती हूँ
जब-तब सबकी नज़र बचाकर
जाने कब तुम आ जाओ
मेरे घर मेहमान बनकर
तुम्हारी आवभगत में
कोई कसर न रहे !!!
...
ऐ जिंदगी
तुम भूल मत जाना
तुम भूल मत जाना
मुस्कराने का सलीका
कहीं आने वाला कोई लम्हा
मेरी शिकायत न कर दे
मेरी शिकायत न कर दे
तुमसे ये कहते हुये
वो मिली तो मुस्कराई भी नहीं :)
....
शुभ संध्या दीदी
जवाब देंहटाएंएक प्यारी कविता से रूबरू हुई आज
भा गई मन को
जी चाहता है चुरा लूँ इसे
सादर
बहुत खूबसूरत मुस्कुराहट ज़िन्दगी की ...
जवाब देंहटाएंवाह ... सशक्त अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबहुत खूब..लेकिन जिन्दगी तो सपनों में भी मिलने चली आती है जब मुस्कुराने की याद भी नहीं रहती..
जवाब देंहटाएंवाह ... बहुत दिनों बाद नायब बिम्ब समेटे लाजवाब रचना पढने को मिली है ...
जवाब देंहटाएंमज़ा आ गया ...
वाह!
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना मंगलवार 22 जुलाई 2014 को लिंक की जाएगी...............
जवाब देंहटाएंhttp://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
कोमल भावो की अभिवयक्ति......
जवाब देंहटाएंसुन्दर १!!
जवाब देंहटाएंकर्मफल |
अनुभूति : वाह !क्या विचार है !
बढ़िया सुंदर , सदा भाई धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
वाह!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंक्या बात है
जवाब देंहटाएंउम्दा रचना और बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंनयी पोस्ट@मुकेश के जन्मदिन पर.
ऐ जिंदगी
जवाब देंहटाएंतुम भूल मत जाना
मुस्कराने का सलीका
कहीं आने वाला कोई लम्हा
मेरी शिकायत न कर दे
तुमसे ये कहते हुये
वो मिली तो मुस्कराई भी नहीं। बहुत बढ़िया। .
सुन्दर भाव संयोजन..शुभकामना...
जवाब देंहटाएंऐ जिंदगी
जवाब देंहटाएंतुम भूल मत जाना
मुस्कराने का सलीका
बेहतरीन...एक दम अलग विषय और भाव...
Bahoot Khoob..
जवाब देंहटाएंhttp://www.meapoet.in/