कई बार
कुछ स्नेहिल थपकियां
मासूमियत का माथा चूमकर
आ बैठती तन्हां ही
लगाती हिसाब
मन की स्लेट पर
कुछ जोड़ती कुछ घटाती
कुछ लिखकर फिर मिटाती !
...
लम्हा-लम्हा सिमटते एहसास
कई बार बातूनी हो जाते हैं
जैसे कोई अबोध बालक
बिना सही- गलत को जाने
कह उठता है जब भी
अपने हिस्से का सच तो
मुस्कान दम तोड़ देती है
गला रूंध जाता है
गला रूंध जाता है
एक मौन खामोशी से
कितना कुछ कह जाता है !!
कितना कुछ कह जाता है
...
खामोशियों के रास्ते अक़्सर
गुज़रे वक़्त का हमसाया बन
ढेरों बाते करते हुये
मुड़ते हैं जब किसी अंजाने मोड़ पर
तो बस इतना ही कहते हैं
वक़्त के साथ -साथ
गुज़रे वक़्त का हमसाया बन
ढेरों बाते करते हुये
मुड़ते हैं जब किसी अंजाने मोड़ पर
तो बस इतना ही कहते हैं
वक़्त के साथ -साथ
चलते जाना ही जिंदगी का नाम है
बड़ा ही खूबसूरत जिंदगी का
सबको ये पैगाम है !!!!!!
सबको ये पैगाम है !!!!!!
वक़्त के साथ -साथ
जवाब देंहटाएंचलते जाना ही जिंदगी का नाम है
सही कहा है..भावपूर्ण रचना
बहुत खूबसूरत जिंदगी का पैगाम है...
जवाब देंहटाएंजिंदगी में मोड़ कई आएँगे
जवाब देंहटाएंरुकना नहीं, बस चलते जाना है
यादें और अहसास तो संग संग चलती ही है
बहुत सुन्दर !
बहुत सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंइस पोस्ट की चर्चा, शनिवार, दिनांक :- 03/05/2014 को "मेरी गुड़िया" :चर्चा मंच :चर्चा अंक:1601 पर.
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन अक्षय तृतीया और ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंये खूबसूरत जिंदगी बनी रहे ..........
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.... ज़िन्दगी के मायने भी हर रूप में अलग हैं ....
जवाब देंहटाएंसुंदर !
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात दीदी
जवाब देंहटाएंवक़्त के साथ -साथ
चलते जाना ही जिंदगी का नाम है
बेहतरीन.....
सादर....
bahut achhi rachna
जवाब देंहटाएंshubhkamnayen
चलते जाना ही जिंदगी का नाम है
जवाब देंहटाएंबड़ा ही खूबसूरत जिंदगी का
सबको ये पैगाम है !!!!!!
… सच चलना ही जिंदगी है !
बढ़िया प्रस्तुति
तो बस इतना ही कहते हैं
जवाब देंहटाएंवक़्त के साथ -साथ
चलते जाना ही जिंदगी का नाम है.............
सच ...सच ...सच
बहुत खूब
जवाब देंहटाएंबहुत लाजवाब ... चलते रहना ही जीवन है ...
जवाब देंहटाएंकितनी सहजता से समझा दिया ज़िन्दगी का फलसफ़ा!! बहुत सुन्दर!!
जवाब देंहटाएंआपका ये पैगाम सर आँखों पर..
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंनयी पोस्ट@मतदान कीजिए
नयी पोस्ट@सुनो न संगेमरमर
bahut sundra rachna
जवाब देंहटाएंवक्त के साथ-साथ बढ़ते जाना ही ज़िंदगी का नाम है ....बस यही तो ज़िंदगी का पैगाम है। सुंदर भाव लिए सार्थक रचना।
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