गुरुवार, 30 जनवरी 2014

ख्‍वाहिशें झाँकती हैं बन के ख्‍व़ाब !!!!!

अंज़ाम की परवाह
बिना किये जब
जिंदगी के साथ चलता है कोई 
कदम से कदम मिलाकर तो 
जीने का सलीक़ा आ जाता है
...
जिंदगी चलती है
मुस्‍कराहटों के साथ जब भी
तो वक्‍़त की दौड़ तेज़ हो जाती है
हसरतें मचलती हैं दबे पाँव
ख्‍वाहिशें झाँकती हैं बन के ख्‍व़ाब
बँद पलकों में अक्‍़सर
तो फि़र सोचना कैसा ?
क्‍या होगा, क्‍यूँकर होगा ???
....
खिलखिलाहट को आज
बन के हँसी गूंज जाने दो
खामोशी के हर कोने में
उम्‍मीदों को दौड़ने दो
पूरे मनोयोग से
एक नई आशा के साथ
जहाँ ख्‍वाबों ने सीखा हो
सिर्फ साकार होना
आकार उनका कुछ भी हो
इस बात का हर फ़र्क मिटाकर !!!!!

24 टिप्‍पणियां:

  1. ये हौसला आ गया तो हर आकर का स्वप्न साकार होगा ..... बहुत सुंदर रचना

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  2. अंज़ाम की परवाह
    बिना किये जब
    जिंदगी के साथ चलता है कोई
    कदम से कदम मिलाकर तो
    जीने का सलीक़ा आ जाता है
    .....वाह...लाज़वाब....सकारात्मक सोच लिए बहुत उत्कृष्ट अभिव्यक्ति...

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  3. बहुत ही सुन्दर.....

    सस्नेह
    अनु

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  4. सपने सच होने होने को आते,
    जीने को कहते, अकुलाते।

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  5. काफी दिनों बाद कोई पोस्ट दिखी है आपकी ..... बहुत सुन्दर |

    जवाब देंहटाएं
  6. ब्लॉग बुलेटिन की 750 वीं बुलेटिन 750 वीं ब्लॉग बुलेटिन - 1949, 1984 और 2014 मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  7. जोश , हौसले और उम्मीदों की कविता !

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  8. बेहद उम्दा रचना अनुपम भाव संयोजन के साथ ....बहुत खूब सदा जी मज़ा आ गया आज इसे पढ़कर...

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  9. औसले बुलंद हैं तो रहें आसान .....!!सुंदर रचना ...!!

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  10. बेहद उम्दा रचना... सकारात्मक प्रेरणा देती सुंदर प्रतुति...
    prathamprayaas.blogspot.in-सफलता के मूल मन्त्र

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  11. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  12. खिलखिलाहट को आज
    बन के हँसी गूंज जाने दो
    खामोशी के हर कोने में
    उम्‍मीदों को दौड़ने दो
    पूरे मनोयोग से
    एक नई आशा के साथ
    जहाँ ख्‍वाबों ने सीखा हो
    सिर्फ साकार होना

    इन पंक्तियों को आत्मसात करना चाहती हूँ .... शायद कोई ख्वाब जन्म ले ले . बहुत सुन्दर प्रस्तुति

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  13. ख़्वाब खिल सकें तो चाहे जितने भी बड़े हो ... आशा जरूर पल्वित होनी चाहिए ...

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  14. ख्वाब अक्सर साकार नहीं होते . . . .

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  15. वाह !! बहुत सुंदर
    उत्कृष्ट
    बधाई ----

    आग्रह है--
    वाह !! बसंत--------

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  16. सुंदर प्रस्तुति...ख्वाहिशों की फितरत ही कुछ ऐसी होती है।।।

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  17. मुस्कुराते रहना हर परिस्थिति में जरुरी है
    यह सपनों के करीब ले ही जाता है चाहे सपना कितना बड़ा क्यूँ न हो
    बहुत सुन्दर !
    साभार !

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मन को छू लें वो शब्‍द अच्‍छे लगते हैं, उन शब्‍दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....