मैं चाहती हूँ
तुमसे कितना कुछ कहना
पर तुम्हारे और मेरे बीच तुमसे कितना कुछ कहना
मौन की सुनामी है
अवरूद्ध हैं सारे रास्ते
तुम तक पहुँच पाने के !
तुम अपने दायरे में स्तब्ध हो
या यूँ कहूँ खामोश हो
और मैं दायरे से बाहर
प्रतीक्षित हूँ ख़ामोशी के टूटने की …और मैं दायरे से बाहर
जाने कब टूटे - टूटे ना टूटे !
...
तुमसे झगड़ा तो नहीं हुआ मेरा,
कभी किसी बात को लेकर
पर फिर भी मेरा मौन लड़ा है
तुमसे जाने कितनी बार
बिना कुछ कहे भी
ये मौन कैसे झगड़ लेता है
मैं हैरान रह जाती हूँ
उसके इस व्यवहार पर !!
...
तुम और मैं जब भी
समझाइशों की नदी को
साथ-साथ पार करना चाहते हैंसमझाइशों की नदी को
नदी का प्रवाह विपरीत होता है
हमारे किनारों से बेपरवाह
वह अपनी धुन में बहती जाती है
कभी तुम्हारी आँख से
मेरे हिस्से का मौन बन
कभी मेरी उदासियों में
तुम्हारे हिस्से की चुप्पियाँ बनकर !!!!!!
तुम्हारे हिस्से की चुप्पियाँ बनकर !!!!!!
नदी - हम और किनारे का मौन
जाने कब टूटे
मैं प्रतीक्षित हूँ !!!!!!!!!
सुन्दर प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंआभार आदरेया-
तुम और मैं जब भी
जवाब देंहटाएंसमझाइशों की नदी को
साथ-साथ पार करना चाहते हैं
नदी का प्रवाह विपरीत होता है
सच्ची अभिव्यक्ति
हार्दिक शुभकामनायें
यह प्रतीक्षा एक दुविधा है..... सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंअक्सर उम्र बीत जाती है इसी इंतज़ार में ..और मौन ...बींधे जाने के इंतज़ार में... और विस्तार पाता जाता है
जवाब देंहटाएंसदियाँ बीत जाती हैं मौन को मुखर होते ... कभी कभी पल की दूरी सालों नहीं मिट पाती ... इसे जल्दी ही तोड़ देना चाहिए ...
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब! वाह!
जवाब देंहटाएंye maun hi to nahi toota karta .............behad umda prastuti
जवाब देंहटाएंशीर्षक ही शानदार लगा …… रचना के तो क्या कहने |
जवाब देंहटाएंयह प्रतीक्षा भी एक दुविधा है जितनी जल्दी यह मौन टूट जाये उतना अच्छा...बहुत ही सुंदर भावाभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंप्रेम में मौन अवरोध है..ये टूट जाये तो ही अच्छा..
जवाब देंहटाएंकोमल भाव कि रचना...
बेहतरीन...
:-)
प्रतीक्षा का समाप्त होना ही बेहतर है, अंतस में उथल - पुथल मचा देती है ये ख़ामोशी की सुनामी ....
जवाब देंहटाएंबड़े ही नाज़ुक से तार छेड़ गयी आपकी अभिव्यक्ति .......
जवाब देंहटाएंमौन विस्तार न पाये .....समझाइशों कि नदी को पार कर जाना ही ठीक..... बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और भाव प्रधान रचना है
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना
badhiya post
जवाब देंहटाएंSambandhon ki sanjidagi ko bayan karti khoobasoorat rachna!!
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंकोमल भाव दिल को छू जाते हैं...
सस्नेह
अनु
मौन भी झगड़ ही लेता है ... मन के भावों को बहुत खूबसूरती से उकेरा है
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