कई बार जिंदगी पर
उदासियों का हक भी बनता है
खुशियों के मेले में भी कोई
अकेला होता है जब
बस मन के साथ होता है
एक कोना उदासी का
...
उस कोने में सिमटी होती है
कुछ गठरियाँ यादों की
जिनकी गिरह पर जमी धूल
चाहती है झड़ जाना
अपनत्व के स्पर्श से
निकलना चाहती हैं बाहर
कुछ बेचैन सी यादें
.....
जिन्हें समेटकर यूँ ही कभी
लगा दी थीं गठान
वे सबकी सब बगावत पर
उतर आईं हैं
जिन्होंने दे दिया है आज धरना
मन के कोने में
बस इसी वजह से बाहर की भीड़ भी
अकेले होने पर मजबूर करती हैं तो,
ये उदासियाँ भी जिद पर अड़ी हैं
यादों के साथ इनकी बनती बड़ी है :)
वाह दी वाह लाजवाब
जवाब देंहटाएंबड़ी बनती है तब तो आतीत से ठनती भी है और आगे कुछ धुंधला हो जाता है..
जवाब देंहटाएं.बहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति .आभार प्रथम पुरुस्कृत निबन्ध -प्रतियोगिता दर्पण /मई/२००६ यदि महिलाएं संसार पर शासन करतीं -अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आज की मांग यही मोहपाश को छोड़ सही रास्ता दिखाएँ .
जवाब देंहटाएंअपनत्व के स्पर्श से
जवाब देंहटाएंनिकलना चाहती हैं बाहर
कुछ बेचैन सी यादें ,,,,,,,,,,,,bahut sundar abhiwykti
सच कहा ... कई बार ये उदासियाँ बिना किसी कारण घेर लेती हैं मन को .... बहुत उम्दा ...
जवाब देंहटाएंऐसे ही एक उदास क्षण में आपकी कविता पढ़ रहा हूँ और कई पुरानी यादें खुल रही हैं।
जवाब देंहटाएंआ जाती हैं जब कभी यादें
जवाब देंहटाएंखो जाते हैं हम
खयालों गहराई में
यादें, तड़पाती भी हैं
यादें, रुलाती भी हैं
यादें, हँसाती भी हैं।
सादर
यशोदा
बहुत खूबसूरत प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंbehatareen andaz me khoobshurat prastuti,visi my blog
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति ,
जवाब देंहटाएंकितनी बार हम भीड़ में
भी अकेले होते है..............
,
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंबढ़िया बिम्ब है उस व्यतीत का जो पूरा अतीत न हो सका .
जिन्हें समेटकर यूँ ही कभी
लगा दी थीं गठान
वे सबकी सब बगावत पर
उतर आईं हैं
जिन्होंने दे दिया है आज धरना
मन के कोने में
बस इसी वजह से बाहर की भीड़ भी
अकेले होने पर मजबूर करती हैं तो,
ये उदासियाँ भी जिद पर अड़ी हैं
यादों के साथ इनकी बनती बड़ी है :)
बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसदा जी ने पहचान ली हमारी आज की घड़ी
जवाब देंहटाएंक्यों बनती है आजकल मेरी यादों से बड़ी :-))
आभार!
कभी धूप तो कहीं छाँह..
जवाब देंहटाएंयादों की गठरी बेहद प्यारी लगी :)
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अभिव्यक्ति की सुंदर रचना,,,,,
जवाब देंहटाएंRecent post: रंग गुलाल है यारो,
सच है आखिर उदासियों का भी हक है ज़िन्दगी पर... बहुत सुन्दर... शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंकई बार जिंदगी पर
जवाब देंहटाएंउदासियों का हक भी बनता है
......सही बात
यादें उदासियाँ भी साथ लातीं हैं.... बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंbahut sundar Rachna . sada, sis...
जवाब देंहटाएंyade'n yaad aati hai ..
उदासी का यादों के संग...याराना बहुत पुराना है...
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत रचना!
~सादर!!!
दिल से निकली सुन्दर रचना। आभार :)
जवाब देंहटाएंनये लेख :- समाचार : दो सौ साल पुरानी किताब और मनहूस आईना।
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उदासियों से यादों का रिश्ता पुराना है , बनती ही !
जवाब देंहटाएंजिन्हें समेटकर यूँ ही कभी
जवाब देंहटाएंलगा दी थीं गठान
वे सबकी सब बगावत पर
उतर आईं हैं
जिन्होंने दे दिया है आज धरना
मन के कोने में
बस इसी वजह से बाहर की भीड़ भी
अकेले होने पर मजबूर करती हैं तो,
ये उदासियाँ भी जिद पर अड़ी हैं
यादों के साथ इनकी बनती बड़ी है :)
लाजवाब गजब की बात कही
एक शांत नीरव कोना भेद दिया आपकी रचना ने ...वाकई
जवाब देंहटाएंये उदासियाँ भी जिद पर अड़ी हैं
यादों के साथ इनकी बनती बड़ी है :)
कई बार जिंदगी पर
जवाब देंहटाएंउदासियों का हक भी बनता है
खुशियों के मेले में भी कोई
अकेला होता है जब
बस मन के साथ होता है
एक कोना उदासी का
...बहुत खूब! बहुत गहन और सटीक अभिव्यक्ति..
यादों के साथ तो शायद अबकी ही बनती है .. कई लोग मिलते बिछड़ते हैं, जो रहतो हैं सदा के लिए .. वो यादें ही तो हैं ..
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना दीदी।
सादर
मधुरेश
बस इसी वजह से बाहर की भीड़ भी
जवाब देंहटाएंअकेले होने पर मजबूर करती हैं तो,
ये उदासियाँ भी जिद पर अड़ी हैं
यादों के साथ इनकी बनती बड़ी है :)
बहुत सुन्दर रचना सदा जी
कई बार जिंदगी पर
जवाब देंहटाएंउदासियों का हक भी बनता है
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यादों के साथ जिन्दगी का रिश्ता खूब निभता है ... न चाहते हुए भी....
कई कोने उदास हो जाते हैं
जवाब देंहटाएंयादों इतना सताती क्यूँ हो
....आपकी रचना से प्रेरित
Bahut khub...lajawab...
जवाब देंहटाएंAaj me jine ke lie humare paas ek kal hona chahiye bhale hum usse yaad karke palkon ko bhigoye ya fir muskuraaye....
Sadar
बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंक्या उदासियों का भी हक है ज़िन्दगी पर?
जवाब देंहटाएंसार्थक प्रस्त्तुति.
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ.
कई बार जिंदगी पर
जवाब देंहटाएंउदासियों का हक भी बनता है
जीवन है तो उदासी भी है ....
सुंदर भाव ...
चाहती है झड़ जाना
जवाब देंहटाएंअपनत्व के स्पर्श से
निकलना चाहती हैं बाहर
कुछ बेचैन सी यादें
...............बहुत खूबसूरत रचना सदा दी
तस्वीर ने चार चाँद लगा दिए !!
उदासी अपना हक़ लेना खूब जानती हैं :):)
जवाब देंहटाएं