शुक्रवार, 14 अक्टूबर 2011

रूह ने आवाज दी है ....










आज रूह ने आवाज दी है
बुलन्‍द हौसलों को
वे हौसले जो हार कर भी
नहीं हारते थे कभी
थककर भी नहीं थकते थे कभी,
हां शिथिल जरूर हो जाते थे
स्‍नायुतंत्र कमजोर हो जाता था
जीजिविषा उनमें एक
ऐसा संचार करती कि वह
भूल जाता सब कुछ
तब कुछ लोग कहते थे
उम्र का तकाजा होता है ये
मैने नहीं माना कभी भी इसे
भूल जाने का अर्थ
यह नहीं होता कभी भी
वह बात दिमाग से गई तो
दिल से भी गई
नहीं वह दिमाग से निकलकर
दिल में अपनी जगह बना लेती है
और दिल उसे तरंगित करता है
अपनी धड़कनों के साथ .....
एक सच सुनने के लिए
सच को कहना सच को मनन करना
बहुत जरूरी होता है
तभी वह एक आवाज बनता है
जो टकरा सकता है
हर तूफान से जिसमें होती है
वह शक्ति
जो दस्‍तक देती है हर दरवाजे पर
जहां सोई हुई रूहें जाग जाती हैं
और हौसले बुलन्‍द हो
एक आवाज बनते हैं ..... !!!

30 टिप्‍पणियां:

  1. और दिल उसे तरंगित करता है
    अपनी धड़कनों के साथ .....
    एक सच सुनने के लिए
    सच को कहना सच को मनन करना
    बहुत जरूरी होता है

    दिल तक पहुंची बात ...सुन्दर अभिव्यक्ति

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति ||
    बहुत बहुत बधाई ||

    http://dineshkidillagi.blogspot.com/2011/10/blog-post_13.html

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  3. तभी वह एक आवाज बनता है
    जो टकरा सकता है
    हर तूफान से जिसमें होती है
    वह शक्ति
    जो दस्‍तक देती है हर दरवाजे पर
    जहां सोई हुई रूहें जाग जाती हैं
    और हौसले बुलन्‍द हो
    एक आवाज बनते हैं ..... !!!
    Kya baat hai!

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  4. बहुत ख़ूबसूरत जज्बातों से सजी पोस्ट.....शानदार|

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  5. हमेशा की तरह एक और सुंदर एवं गहरे भाव लिए प्रभावी रचना...

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  6. 'जहाँ सोई रूहें जाग जाती हैं' जीवन उत्साह को वहाँ ले जाती कविता बहुत बढ़िया बन पड़ी है.

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  7. जो दस्‍तक देती है हर दरवाजे पर
    जहां सोई हुई रूहें जाग जाती हैं
    और हौसले बुलन्‍द हो
    एक आवाज बनते हैं ..... !!!

    बहुत सही।

    सादर

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  8. हौसले बुलंद हो तो एक आवाज बनती है,मुझे बहुत अच्छी लगी,बधाई..
    मेरी पुरानी पोस्ट वजूद,पर आपका ध्यान चाहुगां,पसंद आयेगी....

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  9. बहुत सुन्दर सार्थक अभिव्यक्ति....
    सादर बधाई...

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  10. आत्मा की आवाज पर इतिहास रचे जाते हैं।

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  11. आपकी प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
    यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।

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  12. .प्रभावी रचना..बहुत सुन्दर सार्थक अभिव्यक्ति....

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  13. सच है रूह की आवाज़ गहरे उतरती है.... सुंदर रचना

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  14. खूबसूरत अभिव्‍यक्ति।
    सुंदर प्रस्‍तुतिकरण।

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  15. खुबसूरत विचारणीय सृजन सिध्हस्त करों से , इतना की पिरोते जाएँ लड़ियों में ,सम्मान के साथ ,मुबारकबाद ...

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  16. आत्मा जाग जाए फिर प्रभावशाली आवाज़ का गूंजना तय है!

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  17. एक सच सुनने के लिए
    सच को कहना सच को मनन करना
    बहुत जरूरी होता है
    तभी वह एक आवाज बनता है
    जो टकरा सकता है
    हर तूफान से जिसमें होती है
    वह शक्ति
    जो दस्‍तक देती है हर दरवाजे पर
    जहां सोई हुई रूहें जाग जाती हैं
    और हौसले बुलन्‍द हो
    एक आवाज बनते हैं .....sach ka aatmsaat wakai jaruri hai.. sacche aadmi ke hausle kabhi kamjor nahi ho sakte hain..mujhe behad pasand aayee aapki yah rachna,..sadar badhayee aaur amantran ke sath

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  18. रूह के संवाद ने निशब्द कर दिया. गंभीर प्रस्तुति. आभार.

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  19. होंसला बुलंद रहे तो हर मुश्किल का सामना हो सकता है ... उम्दा प्रस्तुति ...

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मन को छू लें वो शब्‍द अच्‍छे लगते हैं, उन शब्‍दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....