गुरबत पे मेरी मुझको छोड़ सबको तरस आया,
सब मुझे छोड़ गये मैं न उसको फिर छोड़ पाया ।
कुछ भूल गये मुझको, कुछ अजनबी हुये मुझसे,
मैं लौटा यादें साथ ले जब मुश्किल ये मोड़ आया ।
रिश्ता खून का दुहाई मांगे मेरे होने की जब भी,
मैं कहता हंसकर मैं तो सारे रिश्ते तोड़ आया ।
बिन गांठ के कौन है जो आजतलक जोड़ पाया ।
खेल तकदीर के खिलौना बन के इंसान निभाता है,
भटका सारा जीवन तब जाकर यह निचोड़ आया ।
सार्थक और बेहद खूबसूरत,प्रभावी,उम्दा रचना है..शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट आज चर्चा मंच पर भी है...
जवाब देंहटाएंhttp://charchamanch.blogspot.com/2010/07/217_17.html
sare rishte tod aaya.....yah kahna aur muskurana , dil se hoker guzarta hai
जवाब देंहटाएंAnupam bhaav liye hai aapki rachna ... bahut prabhaavi hai ... jo rishte gawaahi maange unhe chod dena hi behtar hota hai ...
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत गज़ल है...रश्मि जी ने सही कहा है...
जवाब देंहटाएंबेह्द सुन्दर और प्रभावशाली रचना।
जवाब देंहटाएंit is an example of sacrifice for love, the great L O V E. A very nice and impressive article. Thanks.
जवाब देंहटाएंआप सबका बहुत-बहुत आभार, इस प्रोत्साहन के लिये ।
जवाब देंहटाएंनासमझ को समझाओ तो जरा टूटे हुए धागे को,
जवाब देंहटाएंबिन गांठ के कौन है जो आजतलक जोड़ पाया ।
वाह! उम्दा!
खूबसूरत गज़ल है...
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही!
जवाब देंहटाएं--
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया!
जब शम्मा बुझ गई तो महफिल में रंग आया!!
नासमझ को समझाओ तो जरा टूटे हुए धागे को,
जवाब देंहटाएंबिन गांठ के कौन है जो आजतलक जोड़ पाया ।
बहुत सुंदर नज़्म ......!!
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जवाब देंहटाएंThanks for sharing this wonderful ghazal/nazm.
All are couplets are marvelous.
badhai.
खेल तकदीर के खिलौना बन के इंसान निभाता है,
जवाब देंहटाएंभटका सारा जीवन तब जाकर यह निचोड़ आया ।
बहुत सुंदर नज़्म .. शुभकामना
किस तरह दर्द को उकेरा है शब्दों से.जो दर्द अभी तक महसूस नहीं होते थे आज हो रहे हैं
जवाब देंहटाएंकुछ भूल गये मुझ को----- मार्मिक अभिव्यक्ति । पूरी रचना बहुत अच्छी लगी बधाई
जवाब देंहटाएंso touchy!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव लिए ....ख़ूबसूरत रचना....
जवाब देंहटाएंसॉरी मैं लेट हो गया....
और आप कैसी हैं?
I do Hope .........U will be fine...
regards....
वाह! क्या बात है! बहुत सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ उम्दा रचना लिखा है आपने!
जवाब देंहटाएंbahut sunder rachana hai.......
जवाब देंहटाएंsara jeevan anubhavo ka nichod hai ise rachana me.........
मित्रता दिवस की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंbahut bhavuk rachna ajay ji...
जवाब देंहटाएंkuch bhul gaye,kuch ajnabi hue mujhse
main lauta yaaden saath le jab mushkil ye mor aaya.
bahut badhai ho...
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स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप एवं आपके परिवार का हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ !
ye to ji badi achhi post hai.
जवाब देंहटाएंसुन्दर और भावपूर्ण रचना! हर एक शब्द दिल को छू गयी! इस बेहतरीन रचना के लिए बधाई!
जवाब देंहटाएंBahut Sunder Rachna
जवाब देंहटाएंDil ko chho jati hai
bahut khub...kya baat hai...
जवाब देंहटाएं-Himanshu Dabral
www.bebakbol.blogspot.com
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 10 अगस्त 2021 शाम 5.00 बजे साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंस्नेहिल आभार आपका 💐💐
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