सोमवार, 11 दिसंबर 2017
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मेरे बारे में
- सदा
- मन को छू लें वो शब्द अच्छे लगते हैं, उन शब्दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....
वाह
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (12-12-2017) को जानवर पैदा कर ; चर्चामंच 2815 पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
जी हार्दिक आभार आपका ... सादर
हटाएंसुंदर कविता
जवाब देंहटाएंसाँसों का काम है चलना ... और कुंडली का काम नित नए रूप बदलना ...
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना
जवाब देंहटाएंवाह्ह्ह....सुंदर दार्शनिक पंक्तियाँ👌👌
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सात पंक्तियाँ .... एक एक पंक्ति कबीले तारीफ है
जवाब देंहटाएंआभार आप सभी का ... सादर
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