दुआओ के झूले
कितने हैं झूले
बाँहों में आपकी पापा
थकान को
मुस्कान में बदलने का
हुनर सीखा है आपसे ही
हम मुस्कराते हैं
वज़ह इसकी आप हैं
ज़रूरत हमारी
लगती न आपको
कभी भी भारी
हिम्मत से आपने हर
मुश्क़िल की है नज़र उतारी !!
कितने हैं झूले
बाँहों में आपकी पापा
थकान को
मुस्कान में बदलने का
हुनर सीखा है आपसे ही
हम मुस्कराते हैं
वज़ह इसकी आप हैं
ज़रूरत हमारी
लगती न आपको
कभी भी भारी
हिम्मत से आपने हर
मुश्क़िल की है नज़र उतारी !!
पापा यही तो हैं
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर और मन को छूती रचना
सादर
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पापा शायद इस लिए हो होते हैं ... पर मजबूत रहते हैं ...
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना है ...
मन को छूनेवाली रचना !
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