शनिवार, 20 मई 2017
माँ की नज़रों से ...
माँ की फूंक
चोट पे मरहम
माँ के बोल
मुश्किल समय में दुआ
माँ की गोद
बीमारी में दवा
माँ का हाथ
पीठ पे हौसला
बन जाता है
ये जादू नहीँ तो क्या है
परवाह और फ़िक्र का
माँ की नज़रों से
बच पाना मुश्किल ही नहीँ
नामुमकिन भी है 😊
3 टिप्पणियां:
सुशील कुमार जोशी
22 मई 2017 को 9:57 pm बजे
सुन्दर।
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कविता रावत
23 मई 2017 को 11:27 am बजे
माँ से संसार है
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सदा
23 मई 2017 को 7:04 pm बजे
आभार आपका ....सादर
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