माँ का तर्जुबा
रह-रहकर मेरी आँखों में झाँकता रहा,
मेरे चेहरे की उदासियों को पढ़ता
फिक्र की करवटें बदलता कभी,
फिर सवालों की बौछार भी करता
पर मेरी खामोशियों का वाईपर,
जाने कब उन्हें एक सिरे से
साफ कर देता
एक मुस्कान :) ही तो चाहती थी माँ
मैं ले आती बनावटी हँसी
खिलखिलाकर हँसती
माँ बुझे मन से कहती
चल जाने दे मैं तुझसे बात नहीं करती
गलबहियाँ डाल मैं
डालती सब्र की चादर भी
उनकी पलकों पर
सीखने दो मुझे भी
उलझनों के पार जाकर कैसा लगता है
समझने दो न
तुम्हारी फिक्र है न मेरे साथ
यकीन मानो वो दुआ का काम करेगी !
....
कुछ सोच माँ
निर्णय की स्थिति में आती
मन की कसमसाहट पे
थोड़ा अंकुश लगाती
मेरी नादानियों पर
गौर करना भी सिखलाती
तो कोशिशों को जीतने का फ़न भी बताती
मेरी हर मुश्किल पे
हौसले की मुहर जब लगाती
यकीं मानो उन पलों में
मैं हारकर भी जीत जाती !!!
maa ka pyaar sabase nirala.....sunder rachana
जवाब देंहटाएंएक मुस्कान :) ही तो चाहती थी माँ
जवाब देंहटाएंमैं ले आती बनावटी हँसी
खिलखिलाकर हँसती
माँ बुझे मन से कहती
चल जाने दे मैं तुझसे बात नहीं करती
बच्चों की हंसी माबाप की ख़ुशी का आधार है
latest post: क्षमा प्रार्थना (रुबैयाँ छन्द )
latest post कानून और दंड
बढ़िया -
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीया-
बहुत सुंदर ....माँ के प्रेम और समझ को संप्रेषित करती बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.....हृदयस्पर्शी रचना..
जवाब देंहटाएंसस्नेह
अनु
माँ समझ जाती है बिन कहे ... ओर बच्चे परीशानी में हों तो माँ तो फ़िक्र में रह्र्गी ही ... माँ से जुडी हर बात ही निराली होती है ... बहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंवन्दन....
जवाब देंहटाएंएक मुस्कान :) ही तो चाहती थी माँ
बस
और कुछ नहीं
एक मुस्कान में जी जाती है माँ
जवाब देंहटाएंयकीं मानो उन पलों में
जवाब देंहटाएंमैं हारकर भी जीत जाती !!!
..... बिन कहे समझ जाती है माँ
बहुत ही अपीलिंग काव्य रचना बधाई
जवाब देंहटाएंयकीं मानो उन पलों में
जवाब देंहटाएंमैं हारकर भी जीत जाती
बिन कहे समझ जाती है माँ !!!
बहुत खूब,सुंदर रचना !
RECENT POST : हल निकलेगा
हौसले की मुहर जब लगाती
जवाब देंहटाएंयकीं मानो उन पलों में
मैं हारकर भी जीत जाती !!!
माँ का साथ हमेशा हौसला देने वाला होता है
माँ सा दोस्त कोइ हो ही नहीं सकता |
जवाब देंहटाएं"कुछ सोच माँ
निर्णय की स्थिति में आती
मन की कसमसाहट पे
थोड़ा अंकुश लगाती
मेरी नादानियों पर
गौर करना भी सिखलाती"
भाव पूर्ण पंक्तियाँ
रिश्तों की गहराई को महसूस कराती सुंदर रचना !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंHow to repair window 7 and fix corrupted file without using any software
खूबसूरत हैं माँ की यादे भी
जवाब देंहटाएंमेरी हर मुश्किल पे
जवाब देंहटाएंहौसले की मुहर जब लगाती
यकीं मानो उन पलों में
मैं हारकर भी जीत जाती !
आपने सच कहा माँ ऐसी ही होती है
सुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं!
बेहतरीन अभिवयक्ति.....
जवाब देंहटाएंवाह बहुत सुन्दर भाव
जवाब देंहटाएं'मां' के बारे में जितना कहो उतना कम है.
आंधी
माँ - बेटी का अटूट रिश्ता.........बहुत ही सुन्दर पोस्ट |
जवाब देंहटाएंमाँ के प्रेम से लबरेज़ खूबसूरत रचना ...
जवाब देंहटाएंउस पल की हार जीत से कम नहीं !
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया !
माँ के तजुर्बे के आगे सब नत हो जाते हैं ...
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" गुरुवार, कल 28 जनवरी 2016 को में शामिल किया गया है।
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमत्रित है ......धन्यवाद !