उम्मीदों की मुंडेर पे
वक़्त विश्वास बन कर जब भी उतरा
जिंदगी परछाईं बन उसी की हो गई
सपनों को सौंप उसकी झोली में
काँधे पे उसके
अपनी हथेलियां रख चलती रही
बिना थके अनवरत्
जिंदगी और वक़्त
दोनो एक दूसरे की परछाईं है ना
चाहे कैसी भी परिस्थिति हो
जिंदगी वक़्त के साये में
भागती रहती है
कभी लगा लेती है जब ऊँची छलांग
तो चिंहुक कर देखती है वक़्त को
ये मौका उसे मिला
वक़्त भी सलाम कर उठता है ऐसे में
इन जज़्बों को जो उसके साथ
कदम से कदम मिला कर
कदमताल करते हैं !
वक़्त विश्वास बन कर जब भी उतरा
जिंदगी परछाईं बन उसी की हो गई
सपनों को सौंप उसकी झोली में
काँधे पे उसके
अपनी हथेलियां रख चलती रही
बिना थके अनवरत्
जिंदगी और वक़्त
दोनो एक दूसरे की परछाईं है ना
चाहे कैसी भी परिस्थिति हो
जिंदगी वक़्त के साये में
भागती रहती है
कभी लगा लेती है जब ऊँची छलांग
तो चिंहुक कर देखती है वक़्त को
ये मौका उसे मिला
वक़्त भी सलाम कर उठता है ऐसे में
इन जज़्बों को जो उसके साथ
कदम से कदम मिला कर
कदमताल करते हैं !
आपने लिखा....
जवाब देंहटाएंहमने पढ़ा....और लोग भी पढ़ें;
इसलिए बुधवार 04/09/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in ....पर लिंक की जाएगी. आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
वाह, बहुत सशक्त संप्रेषण
जवाब देंहटाएंवक़्त भी सलाम कर उठता है ऐसे में
जवाब देंहटाएंइन जज़्बों को जो उसके साथ
कदम से कदम मिला कर
कदमताल करते हैं !
वाह....
तुम्हारे शब्दों में ही-जबरदस्त!!! रचना :-)
सस्नेह
अनु
समय जैसे भी ले जाता है वैसे ही चलना होता है. बहुत सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंउम्मीदों की मुंडेर पे
जवाब देंहटाएंवक़्त विश्वास बन कर जब भी उतरा
जिंदगी परछाईं बन उसी की हो गई...
:)
उम्मीद ही तो जीवन आधार है ....एक खूबसूरत सोच
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया
सुन्दर रचना !!
जवाब देंहटाएंएक प्रतिक्रिया मेरी भी
जवाब देंहटाएंजरा सा ठीक लगा तो उठा ली कलम
जरा भी नहीं सोची कि सिर में दर्द था माईग्रेन का
बस कुछ दिनों पहले...
और तो और
अभी-अभी लड़ाई करके जीती हो वायरल से
और अब कहती हो....यूँ
चाहे कैसी भी परिस्थिति हो
जिंदगी वक़्त के साये में
भागती रहती है
सादर
प्रभावी करता अंदाज़ ........
जवाब देंहटाएंवाह, बहुत सशक्त रचना...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रेरक पंक्तियाँ, सदा जी, शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंउम्मीदें साथ हिओं तो वक्त भी साथ देता है जिंदगी का ...
जवाब देंहटाएंप्रेरक ओर प्रभावी पंक्तियाँ ...
छोटे लफ़्ज़ों में कदमताल …. बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन रचना..
जवाब देंहटाएंप्रभावी प्रस्तुति...
:-)
बेहतरीन भाव ... बहुत सुंदर रचना प्रभावशाली प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंजिंदगी और वक़्त
जवाब देंहटाएंदोनो एक दूसरे की परछाईं है....
सुंदर रचना
बहुत खूबसूरत सकारात्मक विचारों भरी रचना … उम्मीदों की मुंडेर पर खुशियों की चहल-पहल सी महसूस होने लगी
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंसकारात्मक विचारों भरी रचना
जवाब देंहटाएंमैं क्या बोलूँ अब....अपने निःशब्द कर दिया है..... बहुत ही सुंदर कविता !!
बहुत सकारात्मक जज़्बा .... सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंउम्मीद ही जीवन का आधार है ,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : फूल बिछा न सको
वक़्त भी सलाम कर उठता है ऐसे में
जवाब देंहटाएंइन जज़्बों को जो उसके साथ
कदम से कदम मिला कर
कदमताल करते हैं !
जबरदस्त !!!
आशा ही जीवन का आधार है ....सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंlatest post नसीहत
सपनों को सौंप उसकी झोली में ..अच्छा लिखा है.
जवाब देंहटाएंजिंदगी का हर रंग ..जीवन का आधार ही है
जवाब देंहटाएं"कभी लगा लेती है जब ऊँची छलांग
जवाब देंहटाएंतो चिंहुक कर देखती है वक़्त को
ये मौका उसे मिला
वक़्त भी सलाम कर उठता है ऐसे में".....
वाह ...ज़बरदस्त
उम्मीद, विश्वास का तालमेल सपनों को हकीकत में बदल दे तो जिंदगी क्यूँ न मुस्कुराये !
जवाब देंहटाएंवाह बहुत ही सुन्दर |
जवाब देंहटाएंवक़्त भी सलाम कर उठता है ऐसे में
जवाब देंहटाएंइन जज़्बों को जो उसके साथ
कदम से कदम मिला कर
कदमताल करते हैं !-------
जीवन उम्मीद को और उम्मीद जीवन को, जिन्दा रखे रहतें हैं
वक्त निभाता रहता है इनका साथ
सार्थक और सकारात्मक सोच की रचना
बहुत बहुत सुंदर----
सादर
ज्योति
sunder ....zindagi aur vaqt ki kadamtal .....
जवाब देंहटाएंवक़्त भी सलाम कर उठता है ऐसे में
जवाब देंहटाएंइन जज़्बों को जो उसके साथ
कदम से कदम मिला कर
कदमताल करते हैं !
बहुत सुंदर।