शुक्रवार, 26 अगस्त 2011
मन के आंगन में .....
मैं उतरना चाहती हूं
तेरे मन के आंगन में
मां तेरी ही तरह
बसना चाहती हूं सबके दिलों में
यूं जैसे तेरी ममता
बसती है ...दर्पण की तरह जिसमें
जिसकी भी नजर पड़ती है
उसे अपना ही
अक्स नज़र आता है ... !!!
मैं कच्ची मिट्टी
तुम उसकी सोंधी सी महक
अंकुरित हुई तेरे
प्यार भरे पावन मन में,
तुलसी के चौरे की
परिक्रमा करती जब तुम
आंचल थामकर
मैं चलती पीछे-पीछे
संस्कार से सींचती
तुम मेरा हर कदम
मैं डगमगाती जब भी
तुम उंगली पकड़ाती अपनी
मैं मुस्करा के चलती
संग तुम्हारे कदम से कदम मिलाकर ... !!!!
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- मन को छू लें वो शब्द अच्छे लगते हैं, उन शब्दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....
बहुत सुन्दर रचना सीधे दिल में उतर जाने वाली ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ..सोंधी सोंधी सी महक लिए हुए ..अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंkachchi mitti chah le , kumhar ke haathon khud ko chhod de to kya asambhaw...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना , अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह ………मनभावन कविता।
जवाब देंहटाएंvery nice.
जवाब देंहटाएंआंचल थामकर
जवाब देंहटाएंमैं चलती पीछे-पीछे
संस्कार से सींचती .....
बहुत ही खुबसूरत भावमयी रचना....
सादर बधाई...
संग तुम्हारे कदम से कदम मिलाकर ... !!!! बहुत खुबसूरत रचना....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना सीधे दिल में उतर जाने वाली ..
जवाब देंहटाएंबहुत खुबसूरत रचना .....
जवाब देंहटाएंआंचल थामकर
जवाब देंहटाएंमैं चलती पीछे-पीछे
संस्कार से सींचती .....बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ....मन को छू गई
बहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंसादर
chitr sa kheench diya is sanskar mayi pyar ka.
जवाब देंहटाएंsunder abhivyakti.
सुन्दर शब्द चयन।
जवाब देंहटाएंबहुत भावप्रणव रचना।
Meree to aankhen nam ho gayeen!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भाव चित्र ,शब्दों की चित्रकारी .मनोहर सुन्दर रचना .बधाई इस प्रस्तुति के लिए .
जवाब देंहटाएंram ram bhai
शुक्रवार, २६ अगस्त २०११
राहुल ने फिर एक सच बोला .
http://veerubhai1947.blogspot.com/
sunder bhav ki sunder prastuti.........
जवाब देंहटाएंममत्व की गहनता और सहजता व्यक्त करती पंक्तियाँ।
जवाब देंहटाएंमां की बात जहां हो वहां तो मन भावुक हो ही जाता है ...।
जवाब देंहटाएंजन लोकपाल के पहले चरण की सफलता पर बधाई.
जवाब देंहटाएंbahut sundar..touching..
जवाब देंहटाएंमां और उसकी ममता को नमन
जवाब देंहटाएंभावप्रणव रचना ......
जवाब देंहटाएंpyar bhara......bahut sunder.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ बेहतरीन लेखन के लिए बधाई
जवाब देंहटाएंलाजवाब प्रस्तुति ......
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर माँ के अनोखे प्यार को ,उनकी अहमियत को बताती हुई शानदार रचना /जो सीधे दिल को छु गई /इतनी बेमिसाल प्रस्तुति के लिए बधाई आपको /
जवाब देंहटाएंplease visit my blog.
www.prernaargal.blogspot.com thanks
गजब का लेखन
जवाब देंहटाएंbahut sundar rachna....
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत रचना |
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