शुक्रवार, 1 अक्टूबर 2010

स्‍वाद यादों का .....


(1)

स्‍वाद यादों का

चखी है तुमने

यादें

इनके स्‍वाद को

जाना है

कभी

मीठी याद

गुदगुदाती है मन को

फिर कभी कड़वी भी हो जाती है

कुछ खट्टी भी

लगती हैं

कभी बहुत बुरी हो जाती हैं

लगता हैं इन्‍हें

भूल जाओ

(2)

यादों का रंग

इनके रंग को जानना हो तो

इनके करीब जाना होता है

सफेद रंग

बिल्‍कुल शांत

सुर्ख लाल रंग

मुहब्‍बत से भरा हुआ

पीला रंग

दोस्‍ती लिये हुए

ऐसे ही होती है याद

जाने कितने रंगो में

सिमटी हुई ।

34 टिप्‍पणियां:

  1. are wah !
    rangeen yado kee aapne to holi hee khiladee........
    Aabhar

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  2. वाह जी………………गज़ब कर दिया ………………यादों के रंगों के साथ साथ उनका स्वाद भी चखा दिया……………बेहतरीन्।

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  3. यादों के रंग और स्वाद से रू-ब-रू होना एक सुखद अनुभूति रही। बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
    बदलते परिवेश में अनुवादकों की भूमिका, मनोज कुमार,की प्रस्तुति राजभाषा हिन्दी पर, पधारें

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  4. Kaisi,kaisi yaaden hoti hain...meethi yaden,jabtak sambandh meethe hote hain,tab tak hee meethi lagti hain...baad me kadvahat bhar deti hain...
    Bahut sundar hain dono rachanayen!

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  5. आज तो बहुत प्यारे रंग दिखाए यादों के ..सच हर तरह की याद होती है ...जो साथ देती है हमारे नितांत क्षणों में ...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति

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  6. ये यादें ही तो हैं जो हमे तन्हाई मे साथ देती हैं । बहुत सुन्दर रचना
    बधाई आपको।

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  7. आपकी कविता से ना जाने कितनी यादें याद आ गयीं... यादों का स्वाद बहुत अच्छा लगा.....

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  8. यादों का रंग और स्वाद ही तो जीवन को जीने लायक बनाता है... दोनों कविताएं बहुत ही भावप्रधान हैं...बधाई।

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  9. रंग है तो जिन्दगी के रंग हैं

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  10. यादें ... यादें .. यादें .... रंगबिरंगी यादें ... इनकी खुश्बू .... इनका मीठा कड़ुवा एहसास जीने नही देता .... पर सकूँ भी देता आई .... बहुत लाजवाब लिखा है ...

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  11. चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी रचना 5-10 - 2010 मंगलवार को ली गयी है ...
    कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया

    http://charchamanch.blogspot.com/

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  12. आप सभी का बहुत-बहुत आभार, उत्‍साहवर्धन के लिये ।

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  13. मीठी याद.... गुदगुदाती है मन को.... फिर कभी कडवी भी हो जाती है....
    लगता है इन्हें भूल जाओ!
    सच में!
    आशीष
    --
    प्रायश्चित

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  14. भूला तो दूँ मैं उन यादों को जो तेरे साथ गुजरी ...
    मगर जो पल गुजरा तेरे साथ ही गुजरा ...!

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  15. यादों को क्या रंगों में ढला है !...लाज़वाब....

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  16. ए ज़िन्दगी तुझे ..
    यादों ने सदा दी है
    ए ज़िन्दगी तू
    यादों में सदा जी है
    .............
    पुरमानी पुरकशिश ख्याल
    बंधाई स्वीकारें

    दुआ करते है सदा को सदा ख़ुशी मिले

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  17. यादों पर छोटी छोटी अच्छी कवितायें ।

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  18. इस विलक्षण रचना के लिए बधाई स्वीकारें...
    नीरज

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  19. यादो का स्वाद वाह क्या खूब चखाया .....बहतरीन रचना

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  20. बहुत सुंदर !
    मेरी लिखी यादोँ का तो आपने बहुत पहले ही
    एहसास कर लिया था !
    अहसासों को महसूस करने वाले ऐसे ही होते हैं....
    खुश रहें !

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  21. वाह! क्या रंग और क्या स्वाद दिखाए आपने. सुन्दर रचना.

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  22. bahut khoobsurat. sach hi to hai .. rishte ke alag swaad bhi hote hai aur rang bhi .. aur yesabke jevan me alag alag hota hai .. bahdyi.

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मन को छू लें वो शब्‍द अच्‍छे लगते हैं, उन शब्‍दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....