सोमवार, 20 सितंबर 2010
श्रृंगार हो जाती .....
बदल जाती हर सुबह
एक कली की जिंदगी,
वह खिलकर फूल बन जाती
कभी वह चढ़ा दी जाती
किसी देवता के चरणों में
कभी चढ़ा दी जाती
अर्थी पे
कहीं उसकी खुश्बू से
महक उठता
घर का कोना-कोना
कभी किसी के बालों का
श्रृंगार हो जाती
इक सुबह आती ऐसी भी
उतार दी जाती
देवता के चरणों से
बिखर जाती किसी के जुल्फों में
सजी उसकी पंखड़ी
और अंत हो जाता उसका
सदा के लिए !!
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- मन को छू लें वो शब्द अच्छे लगते हैं, उन शब्दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....
ये एक कली अपनी ओर बुलाती है...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भाव ....माखन लाल चतुर्वेदी की पंक्तियाँ याद आ गयीं ...फूल की अभिलाषा ...
जवाब देंहटाएंकुछ तो है इस कविता में, जो मन को छू गयी।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना
जवाब देंहटाएंउत्तम विचार, सुंदर चित्र! बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
जवाब देंहटाएंसमझ का फेर, राजभाषा हिन्दी पर संगीता स्वरूप की लघुकथा, पधारें
बहुत सुन्दर औरत का हश्र इन फूलों जैसा ही होता है
जवाब देंहटाएंबधाई इस रचना के लिये।
जीवन् संचार करती है ... फूल बन के खिलने की प्रेरणा देती है कली .... जबकि जानती है उसका जीवन बहुत छोटा होता है ...
जवाब देंहटाएंक्षणभंगूर जीवन का अहसास कराती रचना!!
जवाब देंहटाएंआभार।
नसीब ही कहेंगे ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्रभावी रचना!
जवाब देंहटाएंपरिवर्तन संसार का नियम है...लेकिन ऐसा परिवर्तन दुख लाता है. सुंदर रचना.
जवाब देंहटाएंअच्छी और सारगार्भित रचना !
जवाब देंहटाएंवाह बेहद सुन्दर शब्दों में कलि की व्यथा लिख डाली है आपने...बधाई..
जवाब देंहटाएंनीरज
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंkali ke dono paksho ko badi khoobsurati ke saath saamne rakkha hai ,badhiya laga .
जवाब देंहटाएंYahi to Jindagi hai.........
जवाब देंहटाएंBahut Sunder Bhav
BAHUT HI SUNDER AUR BHAVPOORN.... BAS YAHI HAI PAL BHAR KA JEEVAN USAKA....
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना ...कली जो फूल बन जाती है.......Beautiफूल
जवाब देंहटाएंnice blog!
जवाब देंहटाएंsundar rachna...
regards,
आपने तो बहुत सुन्दर कविता लिखी...बधाई.
जवाब देंहटाएं_________________________
'पाखी की दुनिया' में- डाटर्स- डे पर इक ड्राइंग !
anupam abhivykti.......
जवाब देंहटाएंaabhar
sada ji,
जवाब देंहटाएंbhahut achhi kavita.seedhi-saral-sacchi.
mera geet apne pasand kiya, iske liye bhi dhanywad.
rohit g.r.
rohitkalyaan@gmail.com
कली की ज़िन्दगी तो हर पल बदलती है
जवाब देंहटाएंNIYATI KA SUNDAR CHITRAN...
जवाब देंहटाएंUTKRISHT RACHNA K LIYE BADHAI.
sundar kavita
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