मैं, तुम, हम
सच कहूँ तो
सब बड़े ही खुदगर्ज़ हैं
कोई किसी का नहीं
सब अपनी ही बात
अपने ही अस्तित्व को
हवा देते रहते हैं
कि दम घुट ना जाये कहीं
...
सत्य
जिन्दा है जब तक
विश्वास भी
सांस ले रहा है तब तक
झूठ असत्य अविश्वास
भिन्न नामों की परिधि में
छुपे हुए सत्य को
पहचान जाओ तो
ये तुम्हारा हुनर
वर्ना ये रहता है अनभिज्ञ !
....
नहीं कचोटता होगा तुम्हें
कभी असत्य
क्यूंकि जब जिसके साथ
जीवन निर्वाह की आदत हो जाये
तो फ़िर गलत होकर भी
कुछ गलत नहीं लगता
पर उपदेश कुशल बहुतेरे
वाली बात कह कर
तुम सहज ही
मुस्करा तो देते हो
पर सत्य से
नज़रें मिलाने का साहस
नहीं कर पाते
इतिहास गवाह है
हर क्रूरता को
मुँह की खानी पड़ी है
और झूठ ने गँवाई है
अपनी जान
साँच को आँच नहीं :)
सच कहूँ तो
सब बड़े ही खुदगर्ज़ हैं
कोई किसी का नहीं
सब अपनी ही बात
अपने ही अस्तित्व को
हवा देते रहते हैं
कि दम घुट ना जाये कहीं
...
सत्य
जिन्दा है जब तक
विश्वास भी
सांस ले रहा है तब तक
झूठ असत्य अविश्वास
भिन्न नामों की परिधि में
छुपे हुए सत्य को
पहचान जाओ तो
ये तुम्हारा हुनर
वर्ना ये रहता है अनभिज्ञ !
....
नहीं कचोटता होगा तुम्हें
कभी असत्य
क्यूंकि जब जिसके साथ
जीवन निर्वाह की आदत हो जाये
तो फ़िर गलत होकर भी
कुछ गलत नहीं लगता
पर उपदेश कुशल बहुतेरे
वाली बात कह कर
तुम सहज ही
मुस्करा तो देते हो
पर सत्य से
नज़रें मिलाने का साहस
नहीं कर पाते
इतिहास गवाह है
हर क्रूरता को
मुँह की खानी पड़ी है
और झूठ ने गँवाई है
अपनी जान
साँच को आँच नहीं :)
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंआपकी रचनाओं की एक खासियत यह है कि वो फैसला नहीं सुनाती.एक बयान, एक अभिव्यक्ति और दूसरों को एक नयी सोच देती! यही सफलता है आपकी!
जवाब देंहटाएंसच है की सांच का दामन थामे रहें तो झूठ टिक ही नहीं पाता ... बस बगलें झांकता है ... गहरी रचना ...
जवाब देंहटाएंअत्यंत सुंदर कहा है ।
जवाब देंहटाएंसच में सांच को कोई आंच नहीं...बहुत सुन्दर और गहन अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंअत्यंत सुंदर कहा है ।
जवाब देंहटाएंMOUTH WATERING RECIPES OF INDIA
बहुत अच्छा लिखा है.. ☺
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