सोच में पड़ जाती हो
हर पृष्ठ इसका
विस्मय की स्याही से भरा होता है
हर पृष्ठ इसका
जिसके मायने तुम्हें भी
झकझोर देते हैं !
....
वक़्त के पन्नों पर
जिंदगी बारीकी से अपने अनुभव
शब्दश: उकेरती
कभी कोई आकृति
मन मस्तिष्क पर गढ़ देती
जिसके बिना जीवन का हर पल
बस व्यर्थ ही जान पड़ता
फिर भी अगले पृष्ठ पर
उम्मीद की हल्की सी एक लक़ीर
खींचकर तुम
कुछ पंक्तियों को जब रेखांकित करती हो
वो लम्हा ज़ज़्ब नही होता जब
छलक पड़ती है टप् से
एक बूँद नयनों के कोटर से
फैल जाती है स्याही
धुँधला जाते हैं शब्द
पर उनके अर्थ बोलते हैं !!!
ज़िन्दगी
जवाब देंहटाएंमायने न बदले तो जिंदगी बोझिल हो जाये !
कहते हैं गिरगिट की तरह रंग बदलना खूब आता है …। कभी सोचा है गिरगिट रंग न बदले तो अलग अलग मौसमों को झेलना आसान नहीं होता
फिर भी अगले पृष्ठ पर
जवाब देंहटाएंउम्मीद की हल्की सी एक लक़ीर
खींचकर तुम
कुछ पंक्तियों को जब रेखांकित करती हो .....................
बहुत बढ़िया!!!
सस्नेह
अनु
कदम-कदम हर मोड़ .... मंजिल बदलती जिन्दगी .....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर !
वाह ..... ज़िन्दगी की उहापोह को लिए सुंदर भाव
जवाब देंहटाएंजिंदगी नदी की भांति पत्तर ज्यों शक्त जमीं देख दिशा बदल लेती है ---सुन्दर भाव की अभिवक्ति |
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट महिषासुर बध (भाग तीन)
सच है जिंदगी चौंकाती है हर पल ... नया अर्थ उकेर देती है समय के पन्नों पर ...
जवाब देंहटाएंजीवन में सुख-दुःख दोनों का महत्व है ... सुन्दर सार्थक रचना
जवाब देंहटाएंसुख दुख का नाम ही जिन्दगी है,
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति ,,,,
वो लम्हा ज़ज़्ब नही होता जब
जवाब देंहटाएंछलक पड़ती है टप् से
एक बूँद नयनों के कोटर से
मार्मिक....सच में कभी कभी रुला देती हो दीदी
सादर
फिर भी अगले पृष्ठ पर
जवाब देंहटाएंउम्मीद की हल्की सी एक लक़ीर
खींचकर तुम
कुछ पंक्तियों को जब रेखांकित करती हो
वो लम्हा ज़ज़्ब नही होता जब
छलक पड़ती है टप् से
एक बूँद नयनों के कोटर से
फैल जाती है स्याही
धुँधला जाते हैं शब्द
uff!! bahut sach aur pyare se shabd... behtareen!!
धुँधला जाते हैं शब्द
जवाब देंहटाएंपर उनके अर्थ बोलते हैं !!!
गहन अनुभूति से उपजी रचना .....बहुत सुंदर सदा जी ...!!
इसी का नाम है जिन्दगी...
जवाब देंहटाएंजिन्दगी इसी का नाम है
जवाब देंहटाएंनमस्कार आपकी यह रचना आज मंगलवार (22-10-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
जवाब देंहटाएंस्मृति के पन्नों में दबे सच में कितने वाकये ऐसे होते है जिसका पुनः स्मरण उन्हें एक नए रूप में प्रस्तुत करता है . तब तक की वैचारिक परिपक्वता शायद उसका सही अर्थ ले आती है.
जवाब देंहटाएंवक्त के पन्नों पर लिखे हर शब्द के लिये नए सन्दर्भ तलाशना और नए मायने ढूँढना ज़िंदगी की फितरत होती है ! तभी तो एक ही बात के अर्थ सबके लिये अलग-अलग होते हैं ! है ना ! बहुत सुंदर रचना !
जवाब देंहटाएंबहुत खूब !!!!
जवाब देंहटाएंधुँधला जाते हैं शब्द
जवाब देंहटाएंपर उनके अर्थ बोलते हैं !!! lajavaab .....
जिंदगी के अभी ओर भी इम्तेहां बाकि हैं
जवाब देंहटाएंपूरी कविता मन को छूती हुई गुजरती है ..
जवाब देंहटाएंजिन्दगी ----मुश्किल परिभाषा ।बस जीते जाना ।हर जिवन का नया फ़साना ।उम्दा रचना ।बधाई
जवाब देंहटाएंसमय के पन्नों पर उकरती इबारत।
जवाब देंहटाएंवक़्त के पन्नों पर
जवाब देंहटाएंजिंदगी बारीकी से अपने अनुभव
शब्दश: उकेरती
कभी कोई आकृति
मन मस्तिष्क पर गढ़ देती
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। ।
ये बदलाव भी बहुत ज़रूरी है जीवन के प्रवाह को निर्बाध बहने देने के लिए |
जवाब देंहटाएंवाह यही तो है शायद किताब ज़िंदगी की ... बेहद उम्दा रचना...
जवाब देंहटाएंअर्थ ही तो बोलते हैं ..बहुत सुन्दर..
जवाब देंहटाएंवक़्त के पन्नों पर लिखी बातें हमें कभी विस्मय कर देते हैं तो कभीं झकजोर देते हैं यही तो है जिंदगी के रंग .......
जवाब देंहटाएंकुछ पंक्तियों को जब रेखांकित करती हो
जवाब देंहटाएंवो लम्हा ज़ज़्ब नही होता जब
छलक पड़ती है टप् से
एक बूँद नयनों के कोटर से
फैल जाती है स्याही
धुँधला जाते हैं शब्द
पर उनके अर्थ बोलते हैं !!!------
वाकई शब्द बोलते हैं इनके पास दिल और दिमाग होता है
आपकी रचना ने यह साबित कर दिया -----
बहुत सुंदर और सार्थक रचना
सादर-----
जिन्दगी का हर पृष्ठ अनोखा ही होता है
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ,,,,,
साभार !
उम्दा, बेहतरीन अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...
जवाब देंहटाएंखुबसूरत अभिवयक्ति......
जवाब देंहटाएंज़िंदगी का हर पल बदलता रहता है .... और इंसान परिस्थिति वश बदलता जाता है .... बहुत सुंदर रचना ....
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