दर्द के रिश्ते में एक नया दर्द आ गया,
भूलकर हर दर्द जब भी मुस्कराना चाहा ।
आंखे ख्वाब सजा लेती एक नया फिर से,
जब भी मैने टूटा हुआ ख्वाब छुपाना चाहा ।
पलकों पे आंसू मोती बनके चमक उठते,
जब भी तुम्हें इस दिल ने भुलाना चाहा ।
लम्हे जुदाई के आते जब मुहब्बत में
जीने के बदले फक़त मर जाना चाहा ।
टूटे सपने, बहते आंसू, जुदाई के पल ले
यादों की गली से खामोश ही जाना चाहा ।