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हिचकियों के आने से तेरे,
याद करने का शुभा होता है ।
यादे होती हैं सहारा इंसान का,
जिनसे हर शख्स बंधा होता है ।
तनहाईयां डस लेती आदमी को,
परछाईयों का इनपे पहरा होता है ।
मिलना-बिछड़ना खेल तकदीर के,
आदमी बस इक खिलौना होता है ।
बस वही तो दिल में बसा होता है ।