उसने
हर एक आंसू से धोये
मुहब्बत के जख्म
तब सारी टीसें
दर्द की चीखने लगीं
इतना समर्पण
तेरा उस प्यार के लिये
जो तेरा न हुआ
तू उसकी हो गई
यूं दिलो जां से
उसके दिये हर जख्म को
पाक कर दिया
वो मुस्कराई
मैने अब दर्द को ही
अपनी दवा कर लिया
इसके होने से
मुझे तन्हा होने का
पता भी नहीं लगता
यह हर पल
मेरे साथ रहता है ...।
मैने अब दर्द को ही
जवाब देंहटाएंअपनी दवा कर लिया
इसके होने से
मुझे तन्हा होने का
पता भी नहीं लगता"
अनूठा उपचार - बहुत खूब
बहुत खूब....
जवाब देंहटाएंजब दर्द हद से गुजार जाए तो दवा ही हो जाता है.....
उसने
जवाब देंहटाएंहर एक आंसू से धोये
मुहब्बत के जख्म
तब सारी टीसें
दर्द की चीखने लगीं
Bahuthi sundar alfaaz aur bhaav!
उसने
जवाब देंहटाएंहर एक आंसू से धोये
मुहब्बत के जख्म
तब सारी टीसें
दर्द की चीखने लगीं
एहसास की यह अभिव्यक्ति बहुत खूब
bahut behtrin rachna ,aap to hamare padosi shahar ki hai hamara to wahan aksar jaana hota hai ye dekh adbhut laga
जवाब देंहटाएंबहुत खूब....
जवाब देंहटाएंजब दर्द हद से गुजार जाए तो दवा ही हो जाता है...
एहसास की यह अभिव्यक्ति बहुत खूब
जवाब देंहटाएंदर्द का दवा बन जाना ,सुंदर एहसास ।
जवाब देंहटाएंjordar prastuti
जवाब देंहटाएंabhar ..........
सुन्दर भव हैं लेकिन शिल्प पर आप थोड़ी सी मेहनत और किया कीजिये ।
जवाब देंहटाएंख़ूबसूरत एहसास के साथ आपने लाजवाब रचना प्रस्तुत किया है! बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंसुंदर भाव से रची अच्छी रचना ...
जवाब देंहटाएंdard hi dawa ban gaya.........kya baat hai.........sunder rachna
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ....दर्द जब हद से गुजर जाये तो दवा हो जाये .......!!
जवाब देंहटाएंdard ke ehsaas kee anuthee abhivykti.
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