सोमवार, 8 जनवरी 2018
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- सदा
- मन को छू लें वो शब्द अच्छे लगते हैं, उन शब्दों के भाव जोड़ देते हैं अंजान होने के बाद भी एक दूसरे को सदा के लिए .....
वाह दी कमाल की कविताऎं लिखती हैं छोटी लेकिन गहरी और ताजगी से भरी हुई। आप लिखती रहें और हम पढ़ते रहेंगे।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया भाई 😊👍
हटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (09-01-2018) को "हमारा सूरज" (चर्चा अंक-2843) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार आपका ....सादर
हटाएंजय मां हाटेशवरी....
जवाब देंहटाएंहर्ष हो रहा है....आप को ये सूचित करते हुए.....
दिनांक 09/01/2018 को.....
आप की रचना का लिंक होगा.....
https://www.halchalwith5links.blogspot.com
पर......
आप भी यहां सादर आमंत्रित है.....
बहुत बहुत आभार आपका ...
हटाएंआपको सूचित करते हुए बड़े हर्ष का अनुभव हो रहा है कि ''लोकतंत्र'' संवाद ब्लॉग 'मंगलवार' ९ जनवरी २०१८ को ब्लॉग जगत के श्रेष्ठ लेखकों की पुरानी रचनाओं के लिंकों का संकलन प्रस्तुत करने जा रहा है। इसका उद्देश्य पूर्णतः निस्वार्थ व नये रचनाकारों का परिचय पुराने रचनाकारों से करवाना ताकि भावी रचनाकारों का मार्गदर्शन हो सके। इस उद्देश्य में आपके सफल योगदान की कामना करता हूँ। इस प्रकार के आयोजन की यह प्रथम कड़ी है ,यह प्रयास आगे भी जारी रहेगा। आप सभी सादर आमंत्रित हैं ! "लोकतंत्र" ब्लॉग आपका हार्दिक स्वागत करता है। आभार "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
जवाब देंहटाएंजी आभार
हटाएंवाह्ह्ह....बहुत सुंदर पंक्तियाँ....👌
जवाब देंहटाएंवाह!!बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंखूबसूरत शब्दों का समावेश... बहुत अच्छा लिखा है आपने।
जवाब देंहटाएंनिमंत्रण पत्र :
जवाब देंहटाएंमंज़िलें और भी हैं ,
आवश्यकता है केवल कारवां बनाने की। मेरा मक़सद है आपको हिंदी ब्लॉग जगत के उन रचनाकारों से परिचित करवाना जिनसे आप सभी अपरिचित अथवा उनकी रचनाओं तक आप सभी की पहुँच नहीं।
ये मेरा प्रयास निरंतर ज़ारी रहेगा ! इसी पावन उद्देश्य के साथ लोकतंत्र संवाद मंच आप सभी गणमान्य पाठकों व रचनाकारों का हृदय से स्वागत करता है नये -पुराने रचनाकारों का संगम 'विशेषांक' में सोमवार १५ जनवरी २०१८ को आप सभी सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद !"एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
प्रेम से सब कुछ होजाता है ... धैर्य जरूरी है बस ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना
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