मन थोड़ा अनमना सा घर के कुछ कोने उदास हैं
दूर गया है आज वो मुझसे जो मन के पास है !
कैसे रहना है अपनों से दूर बेगानों के बीच जाने ना
जिसने जाना ना हो अपनेपन की होती क्या प्यास है !
खोया पाया लिया दिया इन बातों का हिसाब न रखा,
उन लम्हो को फिक्स कर दिया जो लगे कुछ खास हैं !
कीमत मत पूछना बहुत कीमती हैं जज़्बात अपनेपन के
अनमोल रिश्तों में खास होता बस यही इक अहसास है !
तस्वीर दीवार पे लगाई तुमने हर पल सामने रहने को
जी भर देखा भी नहीँ जाता सदा होता जब मन उदास है
दूर गया है आज वो मुझसे जो मन के पास है !
कैसे रहना है अपनों से दूर बेगानों के बीच जाने ना
जिसने जाना ना हो अपनेपन की होती क्या प्यास है !
खोया पाया लिया दिया इन बातों का हिसाब न रखा,
उन लम्हो को फिक्स कर दिया जो लगे कुछ खास हैं !
कीमत मत पूछना बहुत कीमती हैं जज़्बात अपनेपन के
अनमोल रिश्तों में खास होता बस यही इक अहसास है !
तस्वीर दीवार पे लगाई तुमने हर पल सामने रहने को
जी भर देखा भी नहीँ जाता सदा होता जब मन उदास है