सोमवार, 28 मई 2012

जीने का मज़ा दोगुना हो जाएगा ... !!!


















मैं अभ्‍यस्‍त नहीं हूँ तुम्‍हारी तरह
हर छोटी से छोटी चीज़ को
अपनी आंखों में उतारने की
मैने तो नज़रअंदाज़ करना सीखा है
हर बात को
तुमने ही कहा था हर वक्‍़त
आईना बनकर मत रहो
तुम्‍हारे बाल बिखर गए हैं
तुम्‍हारे चेहरे पर चिंता की लकीरें
उभर आई हैं
तुम अभी मुस्‍करा रहे थे
अब ये क्रोध क्‍यूँ
बेपरवाह होकर देखो कभी जिंदगी को
झटक दो उन चिंताओं को
सिर को हिलाकर कभी
मुस्‍करा दो कभी यूँ ही बेतकल्‍लुफ़ हो
किसी अंजान शख्‍़स को देखकर
किसी अज़नबी को
बता दो पता उसकी मंजिल का
देखना जिन्‍दगी को
जीने का मज़ा दोगुना हो जाएगा ... !!!

33 टिप्‍पणियां:

  1. मुस्‍करा दो कभी यूँ ही बेतकल्‍लुफ़ हो
    किसी अंजान शख्‍़स को देखकर
    किसी अज़नबी को
    बता दो पता उसकी मंजिल का
    देखना जिन्‍दगी को
    जीने का मज़ा दोगुना हो जाएगा .sahi kaha aapne bahut khub .

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  2. "किसी अज़नबी को
    बता दो पता उसकी मंजिल का
    देखना जिन्‍दगी को
    जीने का मज़ा दोगुना हो जाएगा.."

    Bahut sunder aayaam.. Abhaar!!

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  3. बढ़िया.......................

    प्यार बांटते चलो....
    जीने का मज़ा दुगुना होगा ही..
    :-)

    सस्नेह.

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  4. सच है छोटी कहती बातों कों नज़रंदाज़ करने की आदत होनी चाहिए ... जीवन का मज़ा तभी आता है ... सुन्दर भाव ...

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  5. सच कहा ………नज़र अन्दाज़ करके जीवन का लुत्फ़ लिया जा सकता है।

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  6. आईना बन कर बैठे रहने से किसी अजनबी को उसके घर का पता बताने में कहीं अधिक सार्थकता है जीवन की. सच ही तो है!

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  7. आपकी इस उत्कृष्ठ प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार 29/5/12 को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी |

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  8. छोटी छोटी चिन्तायें बड़ी जिन्दगी को डुबो देती हैं।

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  9. बहुत खूब
    वाकई यूं तो जिंदगी जीने का मज़ा दोगुना हो जाएगा

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  10. भार लिये मत चलो ...
    थकान जल्दी होगी ....!!
    सुंदेर अभिव्यक्ति सदा जी

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  11. वैसे भी किसी का सी टी स्केन लेते रहना ,किसी को प्रेक्षण पर रखना ,आब्जर्व करना किसी भी मायने में मानवीय सम्बन्ध के लिए बहतर नहीं है . बहुत बढ़िया रचना है -
    और यहाँ भी दखल देंवें -

    सोमवार, 28 मई 2012
    क्रोनिक फटीग सिंड्रोम का नतीजा है ये ब्रेन फोगीनेस

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  12. वैसे भी किसी का सी टी स्केन लेते रहना ,किसी को प्रेक्षण पर रखना ,आब्जर्व करना किसी भी मायने में मानवीय सम्बन्ध के लिए बहतर नहीं है . बहुत बढ़िया रचना है -
    और यहाँ भी दखल देंवें -

    सोमवार, 28 मई 2012
    क्रोनिक फटीग सिंड्रोम का नतीजा है ये ब्रेन फोगीनेस

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  13. बस ज़रा सा दृष्टिकोण बदलना...जीने का मज़ा दोगुना..

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  14. छोटी छोटी बातो को दिल पर न लेकर..
    मुस्कुराकर इन्हें भुलाना है..
    जिंदगी का यही फ़साना है..
    बहुत ही सुन्दर और उत्कृष्ट रचना...:-)

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  15. मुस्‍करा दो कभी यूँ ही बेतकल्‍लुफ़ हो
    किसी अंजान शख्‍़स को देखकर
    किसी अज़नबी को
    बता दो पता उसकी मंजिल का
    देखना जिन्‍दगी को
    जीने का मज़ा दोगुना हो जाएगा

    खुबसूरत लाइन भावों संग अभिव्यक्ति का अनूठा संगम

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  16. बहुत सुन्दर पैगाम छुपा है आपकी इस रचना में .... जिंदगी को जीने का एक तरीका ....उम्दा

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  17. बेपरवाह होकर देखो कभी जिंदगी को
    झटक दो उन चिंताओं को
    सिर को हिलाकर कभी
    मुस्‍करा दो कभी यूँ ही बेतकल्‍लुफ़ हो
    किसी अंजान शख्‍़स को देखकर

    वाह खुश रहने का कितना आसान तरीका बता दिया है आपने...इतने आसान से तरीके को भी हम नहीं अपना पाते और दुखी होते रहते हैं...बेजोड़ रचना...बधाई

    नीरज

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  18. बस एक यही यही चोटी सी बात अगर हर इंसान के समझ में आजाये तो हर किसी कि ज़िंदगी का मज़ा दुगना हो जाएगा ....बहुत ही बढ़िया सार्थक प्रस्तुति....

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  19. मुस्‍करा दो कभी यूँ ही बेतकल्‍लुफ़ हो
    किसी अंजान शख्‍़स को देखकर
    किसी अज़नबी को
    बता दो पता उसकी मंजिल का
    देखना जिन्‍दगी को
    जीने का मज़ा दोगुना हो जाएगा !!
    इस लिहाज़ से जीवन को आनंददायक बनाना कितना सरल है ना , जाने क्यों लोंग यह समझ नहीं पाते !
    प्रेरक !

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  20. बेपरवाह होकर देखो कभी जिंदगी को
    झटक दो उन चिंताओं को
    सिर को हिलाकर कभी
    मुस्‍करा दो कभी यूँ ही बेतकल्‍लुफ़ हो
    किसी अंजान शख्‍़स को देखकर
    किसी अज़नबी को
    बता दो पता उसकी मंजिल का
    देखना जिन्‍दगी को
    जीने का मज़ा दोगुना हो जाएगा ... !!!

    बहुत खूब.... जिंदगी का मज़ा दुगना करना है तो यूँ ही प्यार बाँटते चलो

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  21. कल 31/05/2012 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  22. सच! देखा जाए, तो कितना आसान है जीना...मगर काश! झटक पाते हम सब...माथे से वो सारे बल जो बनाते अक्सर...हमको निर्बल...-- बहुत सुंदर रचना ! Thanks for sharing !!!

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  23. बिलकुल सही और सच्ची बात कही है।

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  24. यही रास्ता है....
    सुंदर रचना...
    सादर।

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  25. ज़िन्दादिली का सुन्दर पैगाम देती हुई एक प्यारी सी रचना
    बहुत सुन्दर
    आभार

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  26. झटक दो उन चिंताओं को
    सिर को हिलाकर कभी
    मुस्‍करा दो कभी यूँ ही बेतकल्‍लुफ़ हो
    किसी अंजान शख्‍़स को देखकर
    किसी अज़नबी को
    बता दो पता उसकी मंजिल का
    देखना जिन्‍दगी को
    जीने का मज़ा दोगुना हो जाएगा ... !!!

    कितना खूबसूरत ख्याल है । वाह !

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  27. छोटी छोटी बातें हैं...लेकिन जीने का मज़ा दुगुना कर देती हैं...सच कहा सदाजी ...!!!

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