कुछ ईमानदार से शब्द
मेरी कलम से जब भी उतरते
मुझे उन शब्दों पर बस
फ़ख्र करने का मन करता
ईमानदारी व्यक्तित्व की हो या फिर
शब्दों की हमेशा प्रेरक होती है
व्यक्तित्व अनुकरणीय होता है
और शब्द विस्मरणीय !
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एक ईमानदारी के पुल को देखोमेरी कलम से जब भी उतरते
मुझे उन शब्दों पर बस
फ़ख्र करने का मन करता
ईमानदारी व्यक्तित्व की हो या फिर
शब्दों की हमेशा प्रेरक होती है
व्यक्तित्व अनुकरणीय होता है
और शब्द विस्मरणीय !
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बरसों बरस खड़ा रहता है
अडिगता से जिसमें
सही मात्रा में मिला होता है
रेत-सीमेंट और लोहा
अपने अंतिम समय में भी
उसकी थरथराहट ईमानदारी से देती है
चेतावनी मुझ पर से गुजरना बंद करो
मेरा अंतिम समय आ गया !
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एक ईमानदार कोशिश करके देखना,
कितनी बुराईयो के लिए
वह बन जाती है चुनौती
चुनौतियां सबके जीवन में आती हैं
हाँ उनसे कोई सबक लेता है
तो कोई उन्हें आड़े हाथों लेता है
या फिर करता है कोई
उनसे जीतने के लिए संघर्ष !!!
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