हर बार मेरे हिस्से
तुम्हारी दूरियाँ आईं
नजदीकियों ने हँसकर जब भी
विदा किया
एक कोना उदासी का लिपट कर
तुम्हारे काँधे से सिसका पल भर को
फिर एक थपकी हौसले की
मेरी पीठ पर तुम्हारी हथेलियों ने
रख दी चलते-चलते !
.....
मेरे कदम ठिठक गए पल भर
कितने कीमती लम्हे थे
उस थपकी में
जिनका भार मेरी पीठ पर
तुम्हारी हथेली ने रखा था
भूलकर जिंदगी कितना कुछ
हर बार मुस्कराती रही
उम्मीद को हँसने की वजह
नम आँखों से भी बताती रही
गले लगती जो कभी
सुबककर रात तो
उसे भोर में चिडि़यों का चहचहाना
सूरज की किरणें दिखलाती रही !!
....
कूकती कोयल ... अपनी मधुरता से
आकर्षित करती सबको
भूल जाते सब उसके काले रंग को
मीठा राग है जिंदगी भी
बस तुम्हें हर बार इसे
भूलकर मुश्किलों को
गुनगुनाना होगा पलकों पे
इक नया ख्वाब बुनकर
उसे लम्हा-लम्हा सजाना होगा !!!
कितनी भी उदासी हो, मुस्कुराने की वजह लम्हा-लम्हा को जिलाता रहता है ..
जवाब देंहटाएंकूकती कोयल ... अपनी मधुरता से
जवाब देंहटाएंआकर्षित करती सबको
भूल जाते सब उसके काले रंग को
गुण सर्वोपरी होता है ना
जीना सीखाती है आपकी रचना
हार्दिक शुभकामनायें
हमेशा की तरह अलग एवं ह्रदय स्पर्शी भावपूर्ण प्रस्तुति दीदी बधाई स्वीकारें.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण प्रस्तुति,आभार.
जवाब देंहटाएंइसी का नाम है ज़िन्दगी सब भूल कर,
जवाब देंहटाएंनयी सुबह का स्वागत करना.
वाह ..बहुत खुबसूरत सच ही है दूरिया होने पर भी हौसलों से जिंदगी का राग यूँ ही गुनगुनाया जा सकता है आपकी कविता पढ़ कर मन गुनगुनाने का हो गया।शुभकामनाये स्वीकारे ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर कृति...........
जवाब देंहटाएंकूकती कोयल ... अपनी मधुरता से
आकर्षित करती सबको
भूल जाते सब उसके काले रंग को
मीठा राग है जिंदगी भी
भा गई ये पंक्तियाँ.....
सादर....
बस तुम्हें हर बार इसे
जवाब देंहटाएंभूलकर मुश्किलों को
गुनगुनाना होगा पलकों पे
इक नया ख्वाब बुनकर
उसे लम्हा-लम्हा सजाना होगा !
बहुत बेहतरीन अभिव्यक्ति,,,सुंदर पंक्तियाँ,,,
RECENT POST: दीदार होता है,
भूलकर मुश्किलों को मुस्कुराते हुए जीवन जीना सचमुच यही तो है मीठा राग ज़िन्दगी का... बहुत सुन्दर भाव... शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंउदासी में मीठा सा एहसास लिए ... थपकी उम्र भर संबल बन जाती है ...
जवाब देंहटाएंउस थपकी में
जवाब देंहटाएंजिनका भार मेरी पीठ पर
तुम्हारी हथेली ने रखा था
भूलकर जिंदगी कितना कुछ
हर बार मुस्कराती रही
उम्मीद को हँसने की वजह
नम आँखों से भी बताती रही -बहुत खुबसूरत अभिव्यक्ति
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मीठे अहसास ही तो जीवन है
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर कोमल भाव की रचना .प्रेम तो एक उत्सव है जो एक नहीं अनेक बार आता है .
जवाब देंहटाएंआपकी द्रुत टिपण्णी का शुक्रिया ......
जवाब देंहटाएंसोमवार, 6 मई 2013
मीठा राग है जिंदगी भी !!!
ये सकारात्मकता ही जीवन का राग है उजास है विकास है सौपान है आखिरी .ॐ शान्ति .
सही बात है
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
बहुत सुंदर
मीठा राग है जिंदगी भी
जवाब देंहटाएंज़िन्दगी प्यार का गीत है इसे हर दिल को गाना पडेगा
ह्रदय स्पर्शी भावपूर्ण प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमीठा राग है जिंदगी भी
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया....
काँधे से लगी सिसकियाँ हथेलियों की थपकी के सिवा चाहती भी क्या ...
जवाब देंहटाएंहौसला लौट ही आना था !
हल्की सी थपकी भी कितना हौसला दे जाती है ..... बहुत सुंदर भाव ....
जवाब देंहटाएंसार्थक रचना. सच में पुराने दर्द भूल फिर से नयी शुरुआत जीवन में मीठापन का एहसास देती है.
जवाब देंहटाएंमीठा राग है जिन्दगी
जवाब देंहटाएंयकीनन
भूलकर जिंदगी कितना कुछ
जवाब देंहटाएंहर बार मुस्कराती रही
उम्मीद को हँसने की वजह
नम आँखों से भी बताती रही
गले लगती जो कभी
सुबककर रात तो
उसे भोर में चिडि़यों का चहचहाना
सूरज की किरणें दिखलाती रही !!
बहुत सुंदर..इसी का नाम तो जिंदगी है..
कूकती कोयल ... अपनी मधुरता से
जवाब देंहटाएंआकर्षित करती सबको
भूल जाते सब उसके काले रंग को
मीठा राग है जिंदगी भी
बस तुम्हें हर बार इसे
भूलकर मुश्किलों को
गुनगुनाना होगा पलकों पे
इक नया ख्वाब बुनकर
उसे लम्हा-लम्हा सजाना होगा !!!
पल पल ज़िदगी के मायने समझाती दिल के करीब जाती नहीं समाती रचना लाजवाब
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंDhup-chhaon,Khushi-Mayusi...
जवाब देंहटाएंZindagi Jine Ke Lie Wajah Ki Kami Nhi Hai,Mayne Rakhta Hai Ki Hum Kya Chahte Hain...
मेरे कदम ठिठक गए पल भर
जवाब देंहटाएंकितने कीमती लम्हे थे
उस थपकी में
जिनका भार मेरी पीठ पर
तुम्हारी हथेली ने रखा था
भूलकर जिंदगी कितना कुछ
हर बार मुस्कराती रही
उम्मीद को हँसने की वजह
नम आँखों से भी बताती रही-------
दूरियां कभी नहीं खलती,बस प्रेम की सुंदर,सार्थक उम्मीद जगी रहे
आपकी रचनाओं में उम्मीद हरदम जिन्दा रहती है
यही उम्मीद सुबह का स्वागत करती है
अदभुत
---बधाई