कतार लगी है दियों की
मन में शुभता लिये
मधुर है कितना कुछ
इनके आस-पास
पकवानों से सजे हैं थाल
दीवारों पर खिलखिला रहे हैं रँग नये
देहरी पर सजी रंगोली ने
किया वंदन अभिनन्दन
लगाकर रोली चंदन
माँ लक्ष्मी के संग गौरी नन्दन का !!
…
हर्षित मन उल्लासित है
दिवस विशेष की मंगल बेला में
परम्पराओं की अखण्ड ज्योत जला
जब भी हुए नतमस्तक
एक नई ऊर्जा लिये मन
कह उठा शुभमस्तु नित्यं लोकक्षेम !!!
…..
© सीमा 'सदा'
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 24 अक्टूबर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंजी आभार
हटाएंबहुत सुंदर भाव सुंदर दृश्य उत्पन्न करते शब्द।
जवाब देंहटाएंअप्रतिम सृजन।
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं।
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (25-10-2019) को "धनतेरस का उपहार" (चर्चा अंक- 3499) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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दीपावली से जुड़े पंच पर्वों की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
भाव प्रबल अभिव्यक्ति .
जवाब देंहटाएंमन में शुब्ता लिए मधुर है कितना कुछ
जवाब देंहटाएंविशेष दिवस की मंगल बेला में
बेहतरीन
पकवानों से सजे हैं थाल दीवारों पर खिलखिला रहे हैं रँग नये
जवाब देंहटाएंसिर्फ एक शब्द ...लाज़वाब दिल से निकले इन तरानों के लिये हार्दिक आभार...
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएं'सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः।
जवाब देंहटाएंजैसे भाव ही उत्पन्न करना हमारे त्यौहारों एक अहम आधार है।
शानदार रचना
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
बेहतरीन सृजन।
जवाब देंहटाएंदीपावली की शुभकामनाएं।
दीपावली के रंगों को सजाये सुन्दर रचना ...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लेख है Movie4me you share a useful information.
जवाब देंहटाएंWhat a great post!lingashtakam I found your blog on google and loved reading it greatly. It is a great post indeed. Much obliged to you and good fortunes. keep sharing.shani chalisa
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