मंगलवार, 1 नवंबर 2011

मेरी खुशी ....!!!


 










उसे जानना है मेरे बारे में सब कुछ,
मैं हंस दी
उसके इस सवाल पे
सब कुछ क्‍या होता है
उसने कहा ...
आपकी चाहत, खुशी और हंसी ,
आपकी पसंद
मैं सोच में पड़ गई
क्‍या कहती
इन बातों से तो मैं खुद भी अंजान थी
मेरी चाहत ...
मन ही मन सोचा
अपने बारे में कभी सोचा ही नहीं मैने
तो उसे क्‍या बताऊं ...
मेरी खुशी ..
दूसरों के चेहरे पर 
मुस्‍कान के सिवा 
कभी कुछ चाहा ही नहीं
मैं उन्‍हीं खुशियों के बीच
रही हंसती सदा
मेरी पसंद भी ऐसी ही है
जो सबको भा जाए
वही मुझे पसंद है ...
उसने अपनी पलकें
हैरानी से झपकाईं
ऐसा भी कहीं होता है
मैने एक लम्‍बी सांस ली
ऐसा होता तो नहीं
पर शायद मेरे साथ ऐसा हो गया है ...!!!!

33 टिप्‍पणियां:

  1. मेरी खुशी ..
    दूसरों के चेहरे पर मुस्‍कान
    के सिवा कभी कुछ चाहा ही नहीं
    मैं उन्‍हीं खुशियों के बीच
    रही हंसती सदा

    बेहतरीन अभिव्यक्ति।

    सादर

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  2. लगता है हर गृहणी सबकी खुशी ही चाहती है और उसी में अपनी खुशी ढूँढ लेती है .. सत्य को कहती अच्छी रचना

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  3. जानने की बातों को तो कभी जाना ही नहीं, सुन्दर कविता।

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  4. मेरी खुशी ..
    दूसरों के चेहरे पर
    मुस्‍कान के सिवा
    कभी कुछ चाहा ही नहीं...तभी तो अब पन्ने ही हमसफ़र हैं

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  5. जो सबको भा जाए
    वही मुझे पसंद है ...
    उसने अपनी पलकें
    हैरानी से झपकाईं
    ऐसा भी कहीं होता है
    दुसरे के लिए जीने कि
    कला को दर्शाती सुन्दर रचना.... !!

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  6. दूसरों के चेहरे पर
    मुस्‍कान के सिवा
    कभी कुछ चाहा ही नहीं...

    सचमुच ऐसा नहीं होता...
    पर होना बड़ा सुखद है....
    सुन्दर अभिव्यक्ति...
    सादर बधाई...

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  7. बहुत सुन्दर भावों से भरी पोस्ट.......सच हम खुद ही नहीं जान पाते की हम क्या चाहते हैं तो दूसरों से क्या कहें........पसंद आई |
    फुर्सत मिले तो हमारे ब्लॉग 'जज़्बात' पर भी नज़र डालें |

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  8. उसने अपनी पलकें
    हैरानी से झपकाईं
    ऐसा भी कहीं होता है
    मैने एक लम्‍बी सांस ली
    ऐसा होता तो नहीं
    पर शायद मेरे साथ ऐसा हो गया है
    बहुत सुंदर एवं गहरे भावों से सजी,सच्चाई को ब्यान करती बेहद सुंदर कविता .....लाजवाब

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  9. बहुत बेहतरीन अभिव्यक्ति। धन्यवाद|

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  10. सूंदर भावनाओं के साथ लिखी लाजबाब रचना सुंदर पोस्ट....

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  11. दूसरों की खुशियों पसंद नापसंद में ही ऐसे जीवन गुजर जाता है कि अपनी पसंद जानने का समय ही नहीं या कहे तो होश ही नहीं रहता.

    बहुत सुंदर भाव.

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  12. बहुत सुन्दर और निश्छल भावो से लिखी बेहतरीन अभिव्यक्ति।

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  13. खुशी देने से ही खुशी मिलती है.
    सुन्दर भाव

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  14. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    छठपूजा की शुभकामनाएँ!

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  15. दूसरों के चेहरे पर
    मुस्‍कान के सिवा
    कभी कुछ चाहा ही नहीं
    मैं उन्‍हीं खुशियों के बीच
    रही हंसती सदा
    मेरी पसंद भी ऐसी ही है
    खुशी ढूंढने का शायद यही सबसे अच्छा तरीका है दूसरों के चेहरे पर खुशियाँ लाना
    सुंदर प्रस्तुति

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  16. उसने अपनी पलकें
    हैरानी से झपकाईं
    ऐसा भी कहीं होता है
    मैने एक लम्‍बी सांस ली
    ऐसा होता तो नहीं
    पर शायद मेरे साथ ऐसा हो गया है ...!!!!
    Vilakshan!

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  17. दूसरों के चेहरे पर मुस्कान की चाह ... छोटी से चाह ही तो है .. पर कितनी पवित्र ...

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  18. अलग सोच की कविता....शब्दों का चयन और प्रवाह .....अदभुत

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  19. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  20. बहुत सुन्दर भावों से उपजी रचना |बधाई
    आशा

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