शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020

एक चुटकी उम्मीद की !!!

 ये हौसला है न

इसको मैंने नजरें उठाकर

देखा भी नहीं,

पर जितनी बार टूटती हूँ मैं

उतनी बार इसे

अपने आस-पास ही देखती हूँ !

एक चुटकी उम्मीद की

बजाना कभी

उदासियां भी खिलखिलाकर

गले लग जाती हैं

खामोशियाँ बतियाने लगती हैं

आपस में

और मन चल पड़ता है

एक नई डगर पे !!

.....



9 टिप्‍पणियां:

  1. वाह ! आपकी आशाभरी दृष्टि सदा राह दिखाती है

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