गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

सजे हैं द्वार मन के !!!

 दिसम्बर का

इंतज़ार ख़त्म होने को है

21वीं सदी को

इक्कीसवें साल की

शुभकामनाएं देने

जनवरी सीढ़ी दर सीढ़ी

उतर रही है ...

शुभता की कामनाओं से

सजे हैं द्वार मन के,

उम्मीद ने बुलावा भेजा है

खुशियों को मंगल गीत गाने को,

आना ही होगा नव वर्ष को,

सबके आँगन …..

हर्ष और उत्कर्ष का

चर्मोत्कर्ष लिए !!!

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मंगलवार, 29 दिसंबर 2020

उम्मीदों की पिटारी लिए !!!

 उम्मीदों के माथे पे

कभी काला टीका भी लगा देना

बड़ा बेरोक-टोक ये

इसकी उसकी आँखों में

उतर जाती हैं

बन के अपनी सी !

….

जाने की तैयारी में है

दिसंबर 20 का

उम्मीदों की पिटारी लिये

जनवरी 21 की

दस्तक़ देने को आतुरता से

शुभ क्षण, शुभ दिन को

साथ लिए शुभकामनाओं भरा

शुभ बिहान साथ लाई है !!!

...



रविवार, 27 दिसंबर 2020

एक दुआ !!!

पावन सी एक दुआ

तेरे हक में

कच्चे सूत की

पक्के रँग वाली बाँध दी है

उम्मीद की गठानें मारकर!

..

जब भी गूँजेंगे

मंदिर में घण्टियों के स्वर

ईश्वर को इन

मन्नतों का स्मरण

जरूर होगा

विश्वास की डोर

नेह से बंधी

डोलती रहती है आगे-पीछे

पवित्र स्पर्श से !!!

...



शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020

एक चुटकी उम्मीद की !!!

 ये हौसला है न

इसको मैंने नजरें उठाकर

देखा भी नहीं,

पर जितनी बार टूटती हूँ मैं

उतनी बार इसे

अपने आस-पास ही देखती हूँ !

एक चुटकी उम्मीद की

बजाना कभी

उदासियां भी खिलखिलाकर

गले लग जाती हैं

खामोशियाँ बतियाने लगती हैं

आपस में

और मन चल पड़ता है

एक नई डगर पे !!

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