वाह बेहतरीन रचना
सच कहती थी माँ ... काश हम सब बच्चे रहते तो दोस्त भी बच्चे ही रहते ... समय ने सब बदल दिया ...
बहुत प्यारी भावनाओं को स्नेह के शब्दों में पिरोयी सुंदर अभिव्यक्ति दी।
अत्यंत स्नेह अनुजा
लाजवाब सृजन ।
जी शुक्रिया
"दोस्त एक हो पर सच्चा हो" आपकी रचना के सारे सुन्दर, अप्रतिम बिम्बों से परे यथार्थ को दर्शाती, अहसास कराती पंक्ति ... आभार आपका महोदया ... आज छदम् भीड़ की चाह रखने वाले लोगों के बीच ये संदेश दुहराने के लिए
जी आभार आपका
सदा की भाँति अति सुंदर कहा है ।
वाह बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंसच कहती थी माँ ...
जवाब देंहटाएंकाश हम सब बच्चे रहते तो दोस्त भी बच्चे ही रहते ... समय ने सब बदल दिया ...
बहुत प्यारी भावनाओं को स्नेह के शब्दों में पिरोयी सुंदर अभिव्यक्ति दी।
जवाब देंहटाएंअत्यंत स्नेह अनुजा
हटाएंलाजवाब सृजन ।
जवाब देंहटाएंजी शुक्रिया
हटाएं"दोस्त एक हो पर सच्चा हो"
जवाब देंहटाएंआपकी रचना के सारे सुन्दर, अप्रतिम बिम्बों से परे यथार्थ को दर्शाती, अहसास कराती पंक्ति ... आभार आपका महोदया ... आज छदम् भीड़ की चाह रखने वाले लोगों के बीच ये संदेश दुहराने के लिए
जी आभार आपका
हटाएंसदा की भाँति अति सुंदर कहा है ।
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