गुरुवार, 21 जून 2012

मन का सच्‍चा होना !!!














कुछ शब्‍द बड़े - बड़े अर्थों के साथ
अपनी आकांक्षाओं की सीढिंयां चढ़ते हुए जब
मन के आंगन में एक पंक्ति की रचना करते
मन मंद - मंद मुस्‍कराता
अगली पंक्ति के शब्‍दों को सीढि़यां चढ़ते देखता
तभी जाने कोई एक ख्‍याल तुम्‍हारा
हिला देता सी‍ढ़ी को
सारे के सारे शब्‍द एक दूसरे के ऊपर
भरभराकर गिर पड़ते
पंक्ति अधूरी रह जाती इस अधूरे पन को
समझ पाना सबके लिए संभव नहीं
जब तक सृजन न किया हो उसने
रची न गई हो कोई रचना उसके द्वारा
भला उसका बिखरना कैसे समझ सकता है वो!
....
सृजन में नेह भी है और स्‍नेह भी
त्‍याग के संग समर्पण भी
आकार भी है इक विचार भी
पीड़ा भी है अभिलाषा भी
आस्‍था के धरातल पर
विश्‍वास का अम्‍बर भी
संस्‍कृति के परिधानों में
छिपी हुई मन की परतों को
उकेरता है बिंदु दर बिंदु
सत्‍य कहता कभी झकझोरता
परखता कसौटी पर शब्‍दों को
ह्रदय की कठोरता को आंकता
तोलता वक्‍़त की तुला पर जब !!
....
बड़ी बेबाक़ी से
भाषा समृद्ध होती सगर्व़
मुस्‍कराती स्‍नेह से
तुम ही तो कहते हो
भाषा कोई भी हो शब्‍दों का
अपना एक जा़दुई संसार होता है
जिसे समझने के लिए
मन का सच्‍चा होना बहुत जरूरी होता है !!!

32 टिप्‍पणियां:

  1. समझने के लिए मन का सच्‍चा होना बहुत जरूरी होता है !

    मन के भावों की सुंदर प्रस्तुति

    MY RECENT POST:...काव्यान्जलि ...: यह स्वर्ण पंछी था कभी...

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  2. बहुत सुन्दर...................
    सब समझ गए.....मन के सच्चे जो हैं :-)

    सस्नेह.

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  3. मन का सच्‍चा होना बहुत जरूरी होता है !!!... हर बात के लिए

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  4. प्रस्तुति चर्चा मंच पर, मचा रही हडकम्प ।

    मित्र नहीं देरी करो, मार पहुँचिये जम्प ||

    --

    शुक्रवारीय चर्चा मंच

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  5. भाषा कोई भी हो शब्‍दों का
    अपना एक जा़दुई संसार होता है
    जिसे समझने के लिए
    मन का सच्‍चा होना बहुत जरूरी होता है !!!

    वाह ॥बहुत सुंदर

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  6. मन का सच्‍चा होना बहुत जरूरी होता है ्……………बिल्कुल सही बात

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  7. भावो को समझने के लिये.... मन का सच्‍चा होना बहुत जरूरी होता है ..बिल्कुल सही..सदा जी..

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  8. अतिम पंक्ति से मैं भी सहमत हूँ। यदि मन सच्चा है तो सब अच्छा है। :)

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  9. sacche man ki tulna bhala kaha ho saki h kabhi...sundar post

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  10. बहुत ही सुन्दर भावो से सजी ये पोस्ट लाजवाब है।

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  11. मन सच्चा सब अच्छा...
    बहुत सुन्दर भाव संयोजन..
    बहुत सुन्दर रचना...:-)

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  12. मन का सच्‍चा होना वरदान ही है..सुन्दर रचना..

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  13. अर्थ शब्दों के पार जाना सीख गये हैं।

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  14. भाषा कोई भी हो शब्‍दों का
    अपना एक जा़दुई संसार होता है
    जिसे समझने के लिए
    मन का सच्‍चा होना बहुत जरूरी होता है !!!

    ....बहुत सुन्दर और सार्थक रचना...

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  15. रची न गई हो कोई रचना उसके द्वारा
    भला उसका बिखरना कैसे समझ सकता है वो!

    sach bikharna samjha jana itna aasan nahi.

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  16. बेमन से न पहुंचा कोई
    मन के पार
    जब जुड़े प्राण,खुले तभी
    मन के द्वार

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  17. भाषा कोई भी हो शब्‍दों का
    अपना एक जा़दुई संसार होता है
    जिसे समझने के लिए
    मन का सच्‍चा होना बहुत जरूरी होता है !!!

    Bahut Umda ....

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  18. मन सच्चा होना बेहद ज़रूरी है.. अन्यथा हम सृजनात्मकता के संसार में अंधों से भटक रहे होते हैं..
    सुन्दर सार्थक रचना
    सादर

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  19. शब्दों की भाषा कोई भी हो , समझने के लिए मन का सच्चा होना ज़रूरी है क्योंकि बात वही नहीं होती जो शब्द लिखते हैं ...
    गहन भाव !

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  20. तीनों में से दूसरी कविता मुझे बहुत अच्छा लगी.

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  21. कहते है न मन हो चंगा तो कसोठी में गंगा ...बहुत बढ़िया ...

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  22. मन के भावों का सुंदर संम्प्रेषण,,,,

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  23. तुम ही तो कहते हो
    भाषा कोई भी हो शब्‍दों का
    अपना एक जा़दुई संसार होता है
    जिसे समझने के लिए
    मन का सच्‍चा होना बहुत जरूरी होता है !!!
    सुन्दर मनोहर प्रस्तुति कोमल भावों का जादू शब्दों में पिरोके रख दिया है आपने .

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  24. खयाल का सीढ़ी हिलाना और शब्दों का भरभरा कर गिरना... वाह!

    सुंदर रचना.... सादर।

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  25. सार्थक सूत्र : मन का सच्‍चा होना बहुत जरूरी होता है
    भरभराकर गिरते शब्दों को थामना होगा

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  26. बहुत बेहतरीन रचना....
    मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।

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  27. भाषा कोई भी हो शब्‍दों का
    अपना एक जा़दुई संसार होता है
    जिसे समझने के लिए
    मन का सच्‍चा होना बहुत जरूरी होता है !!!
    I AM AGREE WITH S. M. HABIB BHAI SAHAB.

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