आज मेरे पास कुछ लम्हे हैं
जिन्हें सौंपना चाहती हूँ
तुम्हें साधिकार
भविष्य के लिए मानो तो
जब कभी मुझे
जरूरत होगी उन कीमती लम्हों की
तुम उन्हें मुझे दुगना कर दे सको
बोलो उन लम्हों को
सुरक्षित करना चाहोगे
अपनी जिन्दगी के बैंक में
कुछ बाते हैं मुस्कराहटों की
कुछ हँसी है बेतकल्लुफ़ सी
कुछ चाहते जिनमें है
अपनों का ख्याल
कुछ तसल्लियों के साथ
थोड़ा सा प्यार भी :)
....
छोटी - छोटी आशाएं
ये होगा तो हम ऐसा करेंगे
वो होगा तो फिर
ऐसा हो जाएगा
इन्हें चालू खाते में रहने देना
जरूरत के हिसाब से
जमा करना और निकालना
चलता रहेगा
तुम समय की पासबुक पर
हर इंट्री दर्ज जरूर करना
भूल चूक लेनी देनी
यहां नहीं चलता
जो भूल गया
उसका तो नुकसान हो जाएगा
याद रखकर भी क्या होगा
उसका सबूत कहां मिलेगा
आजकल मन भी
वक़्त और हालात देखकर
कब बदल जाए भरोसा नहीं रहता
हर लम्हे के बचत का ब्याज
मन को बहुत सुकून देता है
मूलधन से ब्याज हमेशा प्यारा होता है :)