सोमवार, 9 अप्रैल 2012

आस का एक धागा ....














मैं  आस का एक धागा लाई हूं
जो अभी बहुत कमज़ोर है
पर तुम्‍हे पता है

इसे हम और मज़बूत कर सकते हैं
इसी तरह का
एक धागा मैने तुम्‍हारे पास भी देखा था
तुमने भी तो उसमें
कोई गांठ नहीं बांधी है
और मैंने भी 
इसमें कोई गांठ नहीं बांधी 
दोनो इकट्ठे होंगे तो
मजबूत हो जाएंगे ...

हमें इस धागे को
मजबूत करने के लिए
दोनो को एकसार करना होगा
कमजोर धागों में यूं तो
गांठ लगती नहीं
यदि लग गई तो फिर
खुलती नहीं ...

फिर जब भी कोई
इसे तोड़ना चाहेगा
उंसकी उंगलियों में
ये अपने टूटने का
घाव जरूर दे जाएगा
और एक अनचाहा दर्द भी ...

29 टिप्‍पणियां:

  1. सदा दीखती दृष्टि-नवल, धवल प्रेम संवाद ।

    संग जुड़ें शक्ति मिले, प्रेम सूत्र नाबाद ।।



    dineshkidillagi.blogspot.in

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  2. आस सबल होती है ..दो लोगों की आस जुड़ कर प्रार्थना बन जाती है .....आसानी से नहीं टूटती ...
    बहुत सुंदर रचना ...सदा जी ...

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  3. हमें इस धागे को
    मजबूत करने के लिए
    दोनो को एकसार करना होगा
    कमजोर धागों में यूं तो
    गांठ लगती नहीं
    यदि लग गई तो फिर
    खुलती नहीं ...
    Kya gazab ka likha hai!

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  4. बहुत सुंदर भाव सदा जी.......................

    किसी के तोड़ने से भी नहीं टूटते ये धागे........

    सस्नेह.

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  5. कमजोर धागों में यूं तो
    गांठ लगती नहीं
    यदि लग गई तो फिर
    खुलती नहीं ...


    Bahut Sunder....

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  6. मनोभावों को बेहद खूबसूरती से पिरोया है आपने.......
    हार्दिक बधाई।

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  7. जी बहुत सुंदर रचना है
    आपको पढने में सच में अच्छा लगता है


    हमें इस धागे को
    मजबूत करने के लिए
    दोनो को एकसार करना होगा
    कमजोर धागों में यूं तो
    गांठ लगती नहीं
    यदि लग गई तो फिर
    खुलती नहीं ...

    क्या कहने

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  8. jahaan do miljaate hain vahaan majbooti aati hai sudradhta aati hai chaahe vo rishton ki hi baat ho.bahut gahan baat kahi hai rachna ke maadhyam se sada ji.

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  9. आस का धागा और मजबूत करने के लिए एकसार करना ... बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

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  10. आस का धागा टूटने पे बहुत तकलीफ होती है ... ऊपर के घाव तो भर भी जाते हैं ... अंदर के घाव नहीं भरते ...

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  11. वाह....बहुत खूबसूरत लगी पोस्ट....शानदार।

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  12. फिर जब भी कोई
    इसे तोड़ना चाहेगा
    उंसकी उंगलियों में
    ये अपने टूटने का
    घाव जरूर दे जाएगा
    और एक अनचाहा दर्द भी ..

    .............भावपूर्ण रचना अभिव्यक्ति. रचना के माध्यम से सटीक बात ...आभार

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  13. जो अभी बहुत कमज़ोर है
    पर तुम्‍हे पता है

    इसे हम और मज़बूत कर सकते हैं
    ...बहुत ही सुन्दर सदा दी ....शब्दों में अपनापन सा लगता है 1!!

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  14. फिर जब भी कोई
    इसे तोड़ना चाहेगा
    उंसकी उंगलियों में
    ये अपने टूटने का
    घाव जरूर दे जाएगा
    और एक अनचाहा दर्द भी ...

    yahi to is dhaage ki khasiyat hai....isliye saawdhan rahna hoga.
    sunder prastuti.

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  15. कमजोर धागों में यूं तो
    गांठ लगती नहीं
    यदि लग गई तो फिर
    खुलती नहीं ... sarvsty

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  16. आशाओं को इस तरह मजबूती मिले तो क्या बात है । कोई तोडना चाहे तो वह खुद ही टूट जाए ।

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  17. फिर जब भी कोई
    इसे तोड़ना चाहेगा
    उंसकी उंगलियों में
    ये अपने टूटने का
    घाव जरूर दे जाएगा
    और एक अनचाहा दर्द भी ...
    सुन्दर रचना,बेहतरीन भाव पुर्ण प्रस्तुति,.....

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  18. आस का धागा कातते कातते एक जीवन सूत्र बन जायेगा।

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  19. वाह !!! धागे के माध्यम से गहन बात...बधाई असीमित भाव भरी रचना के लिए...

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  20. अति सुन्दर रचना ,सारगर्भित लेखन के लिये बधाई .

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  21. रिश्तों की कच्ची डोर और मज़बूत संबंधों की दास्तान!!
    बहुत सुन्दर!!

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  22. आस का धागा। दो धागों को एकसार करना। अदृभुत बिम्‍ब है। बधाई।

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  23. आस का धागा बहुत ही खुबसूरती से बंधा है..बहुत सुन्दर भाव सदा जी..बधाई..

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  24. धागों का समायोजन...आइडिया अच्छा है...जितने रिश्ते उतने धागे...उतनी मजबूती...

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