गुरुवार, 11 मार्च 2010

तन्‍हा होने का ...






उसने

हर एक आंसू से धोये

मुहब्‍बत के जख्‍म

तब सारी टीसें

दर्द की चीखने लगीं

इतना समर्पण

तेरा उस प्‍यार के लिये

जो तेरा न हुआ

तू उसकी हो गई

यूं दिलो जां से

उसके दिये हर जख्‍म को

पाक कर दिया

वो मुस्‍कराई

मैने अब दर्द को ही

अपनी दवा कर लिया

इसके होने से

मुझे तन्‍हा होने का

पता भी नहीं लगता

यह हर पल

मेरे साथ रहता है ...।

15 टिप्‍पणियां:

  1. मैने अब दर्द को ही
    अपनी दवा कर लिया
    इसके होने से
    मुझे तन्‍हा होने का
    पता भी नहीं लगता"
    अनूठा उपचार - बहुत खूब

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  2. बहुत खूब....

    जब दर्द हद से गुजार जाए तो दवा ही हो जाता है.....

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  3. उसने

    हर एक आंसू से धोये

    मुहब्‍बत के जख्‍म

    तब सारी टीसें

    दर्द की चीखने लगीं
    Bahuthi sundar alfaaz aur bhaav!

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  4. उसने
    हर एक आंसू से धोये
    मुहब्‍बत के जख्‍म
    तब सारी टीसें
    दर्द की चीखने लगीं
    एहसास की यह अभिव्यक्ति बहुत खूब

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  5. bahut behtrin rachna ,aap to hamare padosi shahar ki hai hamara to wahan aksar jaana hota hai ye dekh adbhut laga

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  6. बहुत खूब....

    जब दर्द हद से गुजार जाए तो दवा ही हो जाता है...

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  7. एहसास की यह अभिव्यक्ति बहुत खूब

    जवाब देंहटाएं
  8. दर्द का दवा बन जाना ,सुंदर एहसास ।

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  9. सुन्दर भव हैं लेकिन शिल्प पर आप थोड़ी सी मेहनत और किया कीजिये ।

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  10. ख़ूबसूरत एहसास के साथ आपने लाजवाब रचना प्रस्तुत किया है! बहुत खूब!

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  11. बहुत खूब ....दर्द जब हद से गुजर जाये तो दवा हो जाये .......!!

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