उड़ के छू लूँ मैं गगन - कहता तो है हर एक मन,
हाँथ बढ़ा के छू ले - नहीं आदमी में अभी ये फ़न ।
एक मकाम जो मुझको पाना है,
खुशियों तुम्हे मेरे घर आना है ।
राह में कभी आयेंगी जो मुश्किलें,
ऐसे में बिल्कुल नही घबराना है ।
हौसला हो मन में गर कुछ करने का,
ऐसे में पड़ता तूफान से भी टकराना है ।
बदल जाए जो हालातों से वो क्या शख्स,
बदल दे जो हालातों को हमने उसे माना है ।
झुका है ना सर तेरा कभी ना ही झुकेगा,
इसे तो बस "सदा" रब के आगे ही झुकाना है ।
अच्छी कोशिश। मेरी जानकारी के अनुसार हालात अपने आप में बहुवचन है। फिर हालातों का प्रयोग क्या उचित होगा? आग्रह है, बुरा न मानते हुए, हो सके तो इस पर विचार कर लीजियेगा।
जवाब देंहटाएंसादर
श्यामल सुमन
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bahut sundar
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