मंगलवार, 3 सितंबर 2013

उम्‍मीदों की मुंडेर पे ...

उम्‍मीदों की मुंडेर पे
वक्‍़त विश्‍वास बन कर जब भी उतरा
जिंदगी परछाईं बन उसी की हो गई
सपनों को सौंप उसकी झोली में
काँधे पे उसके
अपनी हथेलियां रख चलती रही
बिना थके अनवरत्
जिंदगी और वक्‍़त
दोनो एक दूसरे की परछाईं है ना
चाहे कैसी भी परिस्थिति हो
जिंदगी वक्‍़त के साये में
भागती रहती है
कभी लगा लेती है जब ऊँची छलांग
तो चिंहुक कर देखती है वक्‍़त को
ये मौका उसे मिला
वक्‍़त भी सलाम कर उठता है ऐसे में
इन जज्‍़बों को जो उसके साथ
कदम से कदम मिला कर
कदमताल करते हैं !

31 टिप्‍पणियां:

  1. आपने लिखा....
    हमने पढ़ा....और लोग भी पढ़ें;
    इसलिए बुधवार 04/09/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in ....पर लिंक की जाएगी. आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!

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  2. वक्‍़त भी सलाम कर उठता है ऐसे में
    इन जज्‍़बों को जो उसके साथ
    कदम से कदम मिला कर
    कदमताल करते हैं !
    वाह....
    तुम्हारे शब्दों में ही-जबरदस्त!!! रचना :-)
    सस्नेह
    अनु

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  3. समय जैसे भी ले जाता है वैसे ही चलना होता है. बहुत सुन्दर रचना.

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  4. उम्‍मीदों की मुंडेर पे
    वक्‍़त विश्‍वास बन कर जब भी उतरा
    जिंदगी परछाईं बन उसी की हो गई...

    :)

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  5. उम्मीद ही तो जीवन आधार है ....एक खूबसूरत सोच
    बहुत बढिया

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  6. एक प्रतिक्रिया मेरी भी
    जरा सा ठीक लगा तो उठा ली कलम
    जरा भी नहीं सोची कि सिर में दर्द था माईग्रेन का
    बस कुछ दिनों पहले...
    और तो और
    अभी-अभी लड़ाई करके जीती हो वायरल से
    और अब कहती हो....यूँ
    चाहे कैसी भी परिस्थिति हो
    जिंदगी वक्‍़त के साये में
    भागती रहती है

    सादर

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  7. बहुत सुंदर प्रेरक पंक्तियाँ, सदा जी, शुभकामनायें !

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  8. उम्मीदें साथ हिओं तो वक्त भी साथ देता है जिंदगी का ...
    प्रेरक ओर प्रभावी पंक्तियाँ ...

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  9. छोटे लफ़्ज़ों में कदमताल …. बहुत बढ़िया

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  10. बहुत ही बेहतरीन रचना..
    प्रभावी प्रस्तुति...
    :-)

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  11. बेहतरीन भाव ... बहुत सुंदर रचना प्रभावशाली प्रस्तुति

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  12. जिंदगी और वक्‍़त
    दोनो एक दूसरे की परछाईं है....
    सुंदर रचना

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  13. बहुत खूबसूरत सकारात्मक विचारों भरी रचना … उम्मीदों की मुंडेर पर खुशियों की चहल-पहल सी महसूस होने लगी

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  14. सकारात्मक विचारों भरी रचना
    मैं क्या बोलूँ अब....अपने निःशब्द कर दिया है..... बहुत ही सुंदर कविता !!

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  15. बहुत सकारात्मक जज़्बा .... सुंदर प्रस्तुति

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  16. वक्‍़त भी सलाम कर उठता है ऐसे में
    इन जज्‍़बों को जो उसके साथ
    कदम से कदम मिला कर
    कदमताल करते हैं !

    जबरदस्त !!!

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  17. आशा ही जीवन का आधार है ....सुन्दर रचना
    latest post नसीहत

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  18. सपनों को सौंप उसकी झोली में ..अच्छा लिखा है.

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  19. जिंदगी का हर रंग ..जीवन का आधार ही है

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  20. "कभी लगा लेती है जब ऊँची छलांग
    तो चिंहुक कर देखती है वक्‍़त को
    ये मौका उसे मिला
    वक्‍़त भी सलाम कर उठता है ऐसे में".....

    वाह ...ज़बरदस्त

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  21. उम्मीद, विश्वास का तालमेल सपनों को हकीकत में बदल दे तो जिंदगी क्यूँ न मुस्कुराये !

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  22. वक्‍़त भी सलाम कर उठता है ऐसे में
    इन जज्‍़बों को जो उसके साथ
    कदम से कदम मिला कर
    कदमताल करते हैं !-------

    जीवन उम्मीद को और उम्मीद जीवन को, जिन्दा रखे रहतें हैं
    वक्त निभाता रहता है इनका साथ
    सार्थक और सकारात्मक सोच की रचना
    बहुत बहुत सुंदर----

    सादर
    ज्योति



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  23. वक्‍़त भी सलाम कर उठता है ऐसे में
    इन जज्‍़बों को जो उसके साथ
    कदम से कदम मिला कर
    कदमताल करते हैं !

    बहुत सुंदर।

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