शुक्रवार, 10 मई 2013

तुम्‍हारे बारे में !!!!!!















मां सोचती हूँ कई बार
तुम्‍हारा प्‍यार  और तुम्‍हारे बारे में
जब भी तो बस यही ख्‍याल आता है
क्‍या कभी शब्‍दों में व्‍यक्‍त हो सकता है
तुम्‍हारा प्‍यार  तुम्‍हारा समर्पण,
तुम्‍हारी ममता
तुम्‍हारा निस्‍वार्थ भाव से किया गया
हर बच्‍चे से समानता का स्‍नेह
.......
मां तुम्‍हारा उदाहरण जब भी दिया
देव मुस्‍कराये पवन शांत भाव से बहने लगी
नदिया की कलकल का स्‍वर मधुर लगने लगा
हर शय छोटी प्रतीत होती है उस वक्‍त
जब भी बाँहें फैलाकर जरा-सा तुम मुस्करा देती हो 
सोचती हूँ जब भी कई बार
तुम्‍हारा प्‍यार  और तुम्‍हारे बारे में
.....
खुशियों का अर्थ मेरे लिये
तुम्‍हारी मुस्‍कान होती है मां
तुम्‍हें पता है तुम्‍हारी उदासी
मेरी हँसी छीन लेती है
तुम्‍हारे आंसू
झंझोड़ देते हैं मेरा अन्‍तर्मन
बेबस हो जाती हूँ उन लम्‍हों में
जिनमें तुम्‍हारे विश्‍वास का
खून होता है
सोचती हूँ जब भी कई बार
तुम्‍हारा प्‍यार  और तुम्‍हारे बारे में !!

38 टिप्‍पणियां:

  1. मा बाप से ज्यादा कोई हितकर नही. मा से कोई भी उऋण नही हो सकता.

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  2. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार(11-5-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
    सूचनार्थ!

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  3. कोई भी तो नहीं ले सकता तुम्हारा स्थान .तुम ,तुम ही हो ,अनुपमेय .सुन्दर भावाभिव्यक्ति जीवन के रागात्मक पक्ष की .

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  4. बढिया
    अच्छी रचना


    खुशियों का अर्थ मेरे लिये
    तुम्‍हारी मुस्‍कान होती है मां
    तुम्‍हें पता है तुम्‍हारी उदासी
    मेरी हँसी छीन लेती है

    सुंदर भाव

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  5. माँ के प्रति बेटी के मन के भावों को बहुत कोमलता से सहेजा है .... सुंदर रचना

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  6. मां तुम्‍हारा उदाहरण जब भी दिया
    देव मुस्‍कराये पवन शांत भाव से बहने लगी
    नदिया की कलकल का स्‍वर मधुर लगने लगा
    हर शय छोटी प्रतीत होती है उस वक्‍त
    जब भी बाँहें फैलाकर जरा-सा तुम मुस्करा देती हो
    सोचती हूँ जब भी कई बार
    तुम्‍हारा प्‍यार और तुम्‍हारे बारे में
    very true and very nice .

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  7. बेबस हो जाती हूँ उन लम्‍हों में
    जिनमें तुम्‍हारे विश्‍वास का
    खून होता है
    सोचती हूँ जब भी कई बार
    तुम्‍हारा प्‍यार और तुम्‍हारे बारे में !
    --------------------
    बेहतरीन रचना ...

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  8. माँ की ममता से जुड़े भाव आप के ह्रदय में गहरे समाये हैं ..... आपकी रचनाएँ पढ़कर ये अद्भुत पावन भाव हम तक भी पहुंचते हैं ....

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  9. बेबस हो जाते हैं हम सब ...
    माँ ने जो दिया ,लौटा नहीं पाते जब !
    भावपूर्ण !

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  10. मार्मिक प्रस्तुति।
    हर माँ को नमन्

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  11. सुन्दर....बहुत सुन्दर ...
    क्या कहूँ...निःशब्द हूँ.

    स्नेह
    अनु

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  12. बहुत ही भावपूर्ण मार्मिक प्रस्तुतीकरण.

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  13. न माँ की कोई बराबरी कर सकता न ही कोई विकल्प है. मार्मिक छू लेने वाली प्रस्तुति.

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  14. खुशियों का अर्थ मेरे लिये
    तुम्‍हारी मुस्‍कान होती है मां
    तुम्‍हें पता है तुम्‍हारी उदासी
    मेरी हँसी छीन लेती है
    तुम्‍हारे आंसू
    झंझोड़ देते हैं मेरा अन्‍तर्मन
    बेबस हो जाती हूँ उन लम्‍हों में
    जिनमें तुम्‍हारे विश्‍वास का
    खून होता है
    सोचती हूँ जब भी कई बार
    तुम्‍हारा प्‍यार और तुम्‍हारे बारे में

    अपनों का कोई विकल्प नहीं होता ये अमुल्य और एकमेव होते हैं उस पर माँ वो तो बस माँ है .....

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  15. बहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना |
    आशा

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  16. ek ek shabd bolta hai apki Rachna ka... sada , sis

    Meri chahat ka jo jahan hai,
    wo meri maan hai,
    meri zameen ka jo asman hai,
    wo meri maan hai,

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  17. माँ ...इस शब्द के उच्चारण में ही कितना सुख ...कितनी शांति...कितना अपनापन है

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  18. माँ को श्रद्धेय नमन।

    सादर

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  19. माँ की बातें .. माँ का प्यार ...
    कुछ भी तो नहीं भूलता इंसान ... नमन है माँ को मेरा ...

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  20. माँ तो .... बस माँ ही है...
    बहुत सुंदर रचना!
    ~सादर!!!

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  21. बस भर आता है मन -कहने को कुछ नहीं !

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  22. Bahut Khub.
    Apni Santaan Ki Muskurahat Ke Aad Me,Maa Har Gam Ko Chhupa Leti Hai...Har Insaan Ki Maa Hoti Hi Aisi Hai...

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  23. मां तो बस मां है....सुंदर रचना

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  24. मां तुम्‍हारा उदाहरण जब भी दिया
    देव मुस्‍कराये पवन शांत भाव से बहने लगी

    बहुत ही सुन्दर , लाजवाब
    भावपूर्ण
    सादर!

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  25. तुम्‍हारे आंसू
    झंझोड़ देते हैं मेरा अन्‍तर्मन
    बेबस हो जाती हूँ उन लम्‍हों में
    जिनमें तुम्‍हारे विश्‍वास का
    खून होता है

    pyaar to yahin hai ....

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  26. हर शय छोटी प्रतीत होती है उस वक्‍त
    जब भी बाँहें फैलाकर जरा-सा तुम मुस्करा देती हो

    ...यही तो माँ का प्यार है...बहुत भावमयी प्रस्तुति...

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  27. खुशियों का अर्थ मेरे लिये
    तुम्‍हारी मुस्‍कान होती है मां
    तुम्‍हें पता है तुम्‍हारी उदासी
    मेरी हँसी छीन लेती है------
    माँ के प्रति पारदर्शी सच्चाई ,मन में बसी हुई,मन की बात
    अदभुत भावपूर्ण रचना
    सादर

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  28. बहुत ही गहन, भावपूर्ण एवँ सशक्त प्रस्तुति ! जिस तरह हमारे बचपन को माँ के आँचल का साया हर दुःख चिंता से हमें बचा कर रखता है उसी तरह माँ की वृद्धावस्था में माँ के चहरे की ज़रा सी उदासी हमें बेचैन कर जाती है ! बहुत सुंदर रचना !

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