सोमवार, 29 अक्तूबर 2012

कुछ रिश्‍ते ... (6)

कुछ रिश्‍ते होते हैं ऐसे,
जिनमें नहीं होता
कोई रक्त सम्‍बंध
फिर भी वे दिल की
धड़कन जैसे होते हैं
...
कुछ रिश्‍ते होते हैं ऐसे,
जैसे कोई अनचाहा
बोझ
कहते हैं ऐसे रिश्‍तो को
तोड़ना बेहतर
...
कुछ रिश्‍ते होते हैं
धर्म के
जिनकी पवित्रता का
बोध बिल्‍कुल
ईश्‍वर जैसा होता है
...
कुछ रिश्‍ते
यक़ीन होते हैं
जो क़ायम रखते हैं
खुद को मरते दम तक
....

37 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छी सीरिज

    देखे रिश्ते अनगिनत, खट्टे मीठे स्वाद ।

    कुछ को भूले हो भला, रहें सदा कुछ याद ।

    रहें सदा कुछ याद, नेह का मेह बरसता ।

    त्याग भाव नि:स्वार्थ, समर्पित खुद को करता ।

    रविकर मूर्ति बनाय, पूज ले भले फ़रिश्ते ।

    रहो बांटते प्यार, बनाओ ऐसे रिश्ते ।।

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  2. दो दिल रंग और ब्रश की तरह एक रिश्ते रूपी तस्वीर को गढ्ते हैं... :)

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  3. अलग अलग रिश्तों की अलग अलग कहानी...

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  4. रिश्ते वही होते हैं,जो धड़कते हैं

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  5. रिश्तों को परिभाषित करती कविता ...बहुत खूब

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  6. कुछ रिश्‍ते
    यक़ीन होते हैं
    जो क़ायम रखते हैं
    खुद को मरते दम तक

    शायद यही रिश्ते सबसे अधिक पायदार होते हैं.

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  7. कुछ रिश्‍ते होते हैं ऐसे,
    जिनमें नहीं होता
    कोई रक्त सम्‍बंध
    फिर भी वे दिल की
    धड़कन जैसे होते हैं

    आपके रिश्तों की डोर को समर्पित

    खून के रिश्ते अजीब होते हैं? कुछ रिश्ते अज़ीज़ होते हैं
    आप मानों न मानों इनकी? यही दिल के करीब होते हैं .

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  8. रिश्तों को लेकर बहुत सुन्दर रचना लिखी है आपने!

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  9. रिश्तों को बहुत गहरे भावों में डूब कर परिभाषित किया है और यही सच्चाई है

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  10. रिश्तों को गहरे भावों में परिभाषित करती बेहतरीन रचना,,,,

    RECENT POST LINK...: खता,,,

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  11. आपकी यह बेहतरीन रचना बुधवार 31/10/2012 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!

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  12. गहरे भाव लिए रचना है सदा जी |
    आशा

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  13. रिश्तों के विभिन्न रूपों का बहुत सुन्दर और सटीक चित्रण...

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  14. बहुत सुन्दर.....
    कितनी परिभाषाएँ हैं न रिश्तों की...???
    फिर भी समझ पाना कठिन...

    सस्नेह
    अनु

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  15. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार ३० /१०/१२ को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका स्वागत है |

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  16. कुछ रिश्‍ते होते हैं ऐसे,
    जैसे कोई अनचाहा
    बोझ
    कहते हैं ऐसे रिश्तों को
    तोड़ना बेहतर ..........

    कुछ रिश्ते होते हैं मोहब्बत के चंद अशआर .बहुत उत्कृष्ट रचना है भाव जगत के शिखर की .

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  17. रिश्ते निभाना बड़ी बात है...तोडना भी हो तो खुबसूरत अंजाम दे कर...

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  18. रिश्तों को बहुत सटीक परिभाषाओं में उतारा है ....

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  19. kuchh riste chah kar bhi ban nahi pate aur kuchh riste anchahe ban jate hai. alag alag risto ki paribhasha achchhi lagi

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  20. कुछ रिश्‍ते
    यक़ीन होते हैं
    जो क़ायम रखते हैं
    खुद को मरते दम तक

    रिश्तों का गहन अध्ययन

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  21. तरह तरह के रिश्‍ते ..
    बहुत सुंदर ..

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  22. रिश्तों की डोर बड़ी नाज़ुक होती है जिसे टूटने
    में जरा भी देर नहीं लगती। और विश्वास के
    धागे की बनी डोर हर झंझावात को सहन करने
    की सामर्थ्य रखती है।

    आनन्द विश्वास।

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  23. कुछ रिश्‍ते
    यक़ीन होते हैं
    जो क़ायम रखते हैं
    खुद को मरते दम तक ...

    ........................................

    दमदार कलम से निकली सुन्दर रचना

    साथ में रिश्तों का बढ़िया चित्रण ....

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  24. बिना रक्त सम्बंध के,कुछ रिश्तों में जान
    कुछ रिश्ते हैं बोझ-से,जीवन में व्यवधान
    जीवन में व्यवधान ,और कुछ ईश्वर जैसे
    धर्म समाया मूल , वहाँ कटुता हो कैसे
    कुछ रिश्ते विश्वास,न तोड़ें मरते दम तक
    बदले युग या काल,चले आते हैं हम तक ||

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  25. बहुत सुन्दर .बहुत खूब,बेह्तरीन अभिव्यक्ति

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  26. @ रशिम माँ ने सही कहा है .....रिश्ते वही होते हैं,जो धड़कते हैं

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  27. जो निभ जाए ,वही रिश्ता ,
    शेष असार ,

    सिर्फ इस्तहार .
    शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .

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  28. यकीनी रिश्ते ही तो असली रिश्ते होते हैं ।

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  29. इतने मायने .. गूढ़ सारगर्भित ..
    सादर
    मधुरेश

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