शुक्रवार, 5 अक्तूबर 2012

कुछ रिश्‍ते .... (4)

कुछ रिश्‍ते ऋणी होते हैं,
जिनकी कितनी भी
किस्‍ते अदा की जायें
ब्‍याज़ चुकाया जाये
फिर भी इनका
ऋण चुकता नहीं होता
...
कुछ रिश्‍ते अनमोल होते हैं
इनका मोल चुकाने के लिए
बेशकीमती खजाने
कम पड़ जाते हैं
....
कुछ रिश्‍ते
मध्‍यमा, अनामिका
और कनिष्ठिका न‍हीं
बल्कि तर्जनी होते हैं
जिन्‍हें पकड़कर कोई
बच्‍चा अपना पहला
कदम रखता है
विश्‍वास से
...
कुछ रिश्‍तों में बंधन नहीं होता
कोई भी
फिर भी वे बंधे होते हैं
मजबूती से बिना किसी डोर के
.....

36 टिप्‍पणियां:

  1. सदा सर्वदा सत्य सब, शाश्वत संत सँदेश |
    कबहूँ ममतामयी का, मत ठुकरा आदेश |

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  2. aapkee sundar rachnaa kaa muqaablaa to ho nahee saktaa,phir bhee rahaa nahee gayaa,meree ek rachnaa post karne kee dhrashtaa kar rahaa hoon
    कुछ रिश्ते
    दिल से होते
    मन में बसते
    चाहे अनचाहे
    अनजाने में बनते
    किसी रिश्ते से
    कम नहीं होते
    निरंतर मिलने की
    ख्वाइश तो होती
    मुलाक़ात हो ना हो
    दूरियां उनमें
    खलल नहीं डालती
    नजदीकियां
    दिल की होती
    इक कसक दोनों
    तरफ होती
    दिल से दुआ
    एक दूजे के लिए
    निकलती
    कमी दिल में सदा
    खलती
    याद से रौनक
    चेहरे पर आती
    जहन में सुखद
    अनुभूती होती
    कुछ रिश्ते....
    13-09-2011
    1496-68-09-11

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  3. कुछ रिश्‍तों में बंधन नहीं होता
    कोई भी
    फिर भी वे बंधे होते हैं
    मजबूती से बिना किसी डोर के..........bahut khub .sundar .

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  4. बहुत खूब |
    कुछ रिश्ते बेनामी का चादर ओढ़े,बस अहसास से बयां होते हैं...

    सादर|

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  5. par ye riste hamare apne hote hai jinme bandh kar rahna hame pasand hota hai...........

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  6. बहुत सुन्दर रिश्तों की परिभाषा दी है।

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  7. अति सुन्दर अभिव्यक्ति। समर्पण हर रिश्ते के
    आधार-स्तम्भ की बुनियाद होती है। समर्पित
    व्यक्ति के रिश्तों की डोर कभी कमजोर नहीं
    हो पाती है।

    आनन्द विश्वास।

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  8. रिश्तों के प्रतिबिंबों को उकेरती सुंदर भावाभिव्यक्ति.

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  9. सच में रिश्तो की गहराई बताती एक कविता

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  10. तुम तो शिखर से धरती की व्याख्या कर रही हो...गज्जब

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  11. बहुत सुंदर भाव
    कुछ रिश्‍तों में बंधन नहीं होता
    कोई भी
    फिर भी वे बंधे होते हैं
    मजबूती से बिना किसी डोर के
    अच्छी रचना


    मेरे नए ब्लाग TV स्टेशन पर देखिए नया लेख
    http://tvstationlive.blogspot.in/2012/10/blog-post.html

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  12. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (06-10-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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  13. हर रिश्ता को आपने सुन्दरता से व्यक्त किया है .अति सुन्दर/
    hhtp://kpk-vichar.blogspot.in

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  14. कुछ रिश्‍तों में बंधन नहीं होता
    कोई भी
    फिर भी वे बंधे होते हैं
    मजबूती से बिना किसी डोर के.

    रिश्तों की अहमियत इंसान के अपनी सोच से जुड़ी होती है. कुछ लोग तो रिश्तों को सिर्फ कपड़ों को बदलने से ज्यादा अहमियत नहीं देते हैं .

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  15. कुछ रिश्‍तों में बंधन नहीं होता
    कोई भी
    फिर भी वे बंधे होते हैं
    मजबूती से बिना किसी डोर के

    हर रिश्ता खुबसूरत होता है , जिसे आपने बड़ी सुन्दरता से जिया है

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  16. कुछ रिश्‍ते
    मध्‍यमा, अनामिका
    और कनिष्ठिका न‍हीं .........कनिष्ठ .......कनिष्ठा .....
    बल्कि तर्जनी होते हैं
    जिन्‍हें पकड़कर कोई
    बच्‍चा अपना पहला
    कदम रखता है
    विश्‍वास से

    कुछ रिश्‍तों में बंधन नहीं होता
    कोई भी
    फिर भी वे बंधे होते हैं
    मजबूती से बिना किसी डोर के
    .....सहजीवन से सहवर्धन करतें हैं ये परस्पर संबंधों का ,मिठास का .बहुत बढ़िया प्रस्तुति .बधाई .

    जवाब देंहटाएं
  17. कुछ रिश्‍ते
    मध्‍यमा, अनामिका
    और कनिष्ठिका न‍हीं .........कनिष्ठ .......कनिष्ठा .....
    बल्कि तर्जनी होते हैं
    जिन्‍हें पकड़कर कोई
    बच्‍चा अपना पहला
    कदम रखता है
    विश्‍वास से

    कुछ रिश्‍तों में बंधन नहीं होता
    कोई भी
    फिर भी वे बंधे होते हैं
    मजबूती से बिना किसी डोर के
    .....सहजीवन से सहवर्धन करतें हैं ये परस्पर संबंधों का ,मिठास का .बहुत बढ़िया प्रस्तुति .बधाई .
    ram ram bhai
    मुखपृष्ठ

    शुक्रवार, 5 अक्तूबर 2012
    चील की गुजरात यात्रा

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  18. ये ऐसा क़र्ज़ है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता,
    मैं जब तक घर न लौटूँ माँ मेरी सजदे में रहती है!
    /
    बस ऐसा ही एहसास पैदा करती है यह रचना!!

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  19. सच में कुछ रिश्ते ऐसे ही होते हैं जिनका कोई मोल नहीं होता।

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  20. कुछ रिश्‍ते अनमोल होते हैं
    इनका मोल चुकाने के लिए
    बेशकीमती खजाने
    कम पड़ जाते हैं

    बिल्कुल सही..... सार्थक रचना

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  21. कुछ रिश्‍तों में बंधन नहीं होता
    कोई भी
    फिर भी वे बंधे होते हैं
    मजबूती से बिना किसी डोर के

    रिश्तों की सुंदर परिभाषा ।

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  22. वाकई कुछ रिश्ते तर्जनी जैसे होते है जिन्हें पकड़ कर जीना सीखते हैं !

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  23. वाह जी वाह बस वाह ही वाह कुछ और क्या कहना सुन्दर

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  24. रिश्तों की बहुत नजाकत से विवेचना की है
    बहुत भावपूर्ण रचना |
    आशा

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  25. रिश्तों की गहराई को बहुत ही
    सुन्दरता से व्यक्त किया है
    बहुत सुन्दर रचना..
    :-)

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  26. उनका उधार नहीं निपटाया जा सकता ...
    सच है !

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  27. बिना बंधन वाले रिस्तों मे स्थिरता ज्यादा रहती है, बहुत बढ़िया।

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  28. कुछ रिश्‍ते
    मध्‍यमा, अनामिका
    और कनिष्ठिका न‍हीं
    बल्कि तर्जनी होते हैं
    जिन्‍हें पकड़कर कोई
    बच्‍चा अपना पहला
    कदम रखता है
    विश्‍वास से.

    रिश्तों का सहज विश्लेषण. सुंदर प्रस्तुति.

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  29. रिश्तों की खूबसूरत व्याख्या । ये रिश्ते ही जिंदगी को जिंदगी बनाते हैं ।

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  30. रिश्तों की व्याख्या के लिये जितना भी लिखा जाये कम है फिर भी कुछ शब्दों मे खूबसूरत भावाव्यक्ति।

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  31. रिस्‍तो के बिना तो मानव की कल्‍पना करना व्‍यर्थ है

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  32. रिश्तों को देखने की आपकी यह नजर बहुत खूब है...अच्छी प्रस्तुति...

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  33. रिश्तों को लेकर आपकी लिखी ये सिरीज़ बेहद सुन्दर है.....हैट्स ऑफ इसके लिए ।

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